निकटवर्ती सिद्धपीठ पाबोलाव धाम हनुमान मंदिर में महंत कमलेश्वर भारती के सान्निध्य में अष्टोत्तर सहस्र सुंदर कांड पठन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एक हजार आठ बालकों ने एक साथ सस्वर सुंदर कांड का पाठ किया। इस अवसर पर भामाशाह समाजसेवी सागरमल नाहटा ने पाबोलाव धाम के विकास के लिये 21 लाख रूपये देने की घोषणा करते हुए पांच लाख रूपयों का चैक प्रथम किश्त के रूप में तत्काल प्रदान किया। इसके अलावा रामलाल पुत्र पुष्पराज तोषनीवाल ने भी एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रूपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर भामाशाह नाहटा ने कहा कि वे समूचे सुजलांचल क्षेत्र को हर दृष्टि से विकसित देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास जरूरी है और इसके लिये हमें अपने धार्मिक स्थानों का पूरा ध्यान रखना होगा। नाहटा ने युवा व छात्र वर्ग के लिये शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि हम शिक्षा की दृष्टि से उन पर पूरा ध्यान दे रहे हैं, लेकिन इसके साथ संस्कारों पर भी ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंनें क्षेत्र के ग्राम घिरड़ौदा मीठा स्थिसत ठाकुरजी के मंदिर में भी 21 हजार रूपये देने की घोषणा की। कार्यक्रम में भामाशाह नाहटा का शॉल ओढाकर बजरंगलाल कठोतिया ने सम्मानित किया और साफा पहना कर कन्हैयालाल दायमा ने सम्मान किया। भगवती प्रसाद ने माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में माधव शैक्षिक प्रशैक्षिक संस्थान के निदेशक गजेन्द्र सिंह ओड़ींट, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष सीताराम गौतम, रमेश चंद्र शर्मा, जीतमल टाक, वैद्य पूर्णनन्द, जयप्रकाश टाक, लक्ष्मण चारण, दीपक बोहरा, जगदीश यायावर आदि उपस्थित थे।