वृत क्षेत्र की छापर पुलिस ने दस दिन पहले कस्बे की शिवालय बगीची में हुए विमलजीत हत्याकाण्ड का पर्दाफाश करते हुए एक जने को गिरफ्तार किया है। छापर थाना प्रभारी सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि बीती 16 अप्रेल को कस्बे की शिवालय बगीची के पुजारी धन्नाराम प्रजापत ने सूचना दी कि बगीची में एक युवक की लाश पड़ी है।
सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पंहूचकर लाश की शिनाख्त करवाई तो पहचान विमलजीत उर्फ गुटिया पुत्र कालूराम नाई के रूप में हुई। शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया तथा अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान पुलिस ने पुछताछ की तो वारदात के दिन घटनास्थल के आस-पास भैराराम पुत्र बीरबलराम मेघवाल उम्र 40 वर्ष निवासी देवाणी व उसके दोस्त भरतसिंह को देखा गया था। जिस पर पुलिस ने दोनो की तलाश की तो दोनो ही अपने घरों से गायब मिले। जांच के दौरान ही भरतसिंह के छापर आने की सूचना पर पुलिस ने उसे दबोचा और उसने पुलिस के समक्ष भैराराम का नाम उगल दिया।
जिस पर भैराराम को पकड़ कर उससे कड़ाई से पुछताछ करने पर उसने बताया कि घटना की रात को वह और भरतसिंह ताल की पाल पर बैठकर शराब पी रहे थे। शराब पीने के बाद भी नशा नहीं होने पर उसने भरतसिंह और शराब लाने के लिए पैसे मांगे। जिस पर उसने अपने पास पैसे होने से इंकार कर दिया। उसके बाद दोनो वहां से घर लौटने लगे। रास्ते में भैराराम को प्यास लगी तो वह शिवालय बगीची में पानी पीने के चला गया और भरतसिंह बाहर पैसाब करने लग गया।
भैराराम को बगीची के अन्दर विमलजीत शराब के नशे में सोया हुआ मिल गया तो उसने शराब के लिए पैसे निकालने की गरज से उसकी जेब में हाथ डाला। जिस पर वह जाग गया और उसने जेब में हाथ डालने के बारे में पुछा तो उसने उससे शराब के लिए पैसों की मांग की तो विमलजीत ने पैसे देने से इंकार कर दिया। इस पर शराब के नशे में द्युत भैराराम ने नजदीक ही पड़े पत्थर को उठाकर विमलजीत के सिर पर दे मारा। जिससे उसकी मौत हो गई। थाना प्रभारी सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि आरोपी भैराराम को शनिवार को न्यायालय में पेश किया जायेगा।