गुर्जर आरक्षण बिल को नौंवी अनुसूची में शामिल करने की मांग

Reservation Bill पथिक सेना संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल ने एक ज्ञापन भारत के महामहिम राष्ट्रपति को भेजकर राष्ट्ररक्षा एवं राष्ट्रसेवा में अग्रणी रही गुर्जर सहित पांच जातियों के लिए एसबीसी आरक्षण सुनिश्चित करवाने की मांग की है। ज्ञापन में पोसवाल ने बताया है कि पहले मुगलों से, फिर अंग्रेज और सामंतशाहों से भारत की रक्षा एवं आजादी के लिए गुर्जरों ने सर्वस्व न्यौछावर किया। विकास की मुख्य धारा में आने के लिए 1950 से आरक्षण रूपी बैशाखी की मांग गुर्जर समाज करता आ रहा है।

लेकिन देश की पूंजीवादी और अवसरवादी राजनीति ने अब तक गुर्जरों को न तो आरक्षण दिया और न ही उनकी रेजीमेंट बनाई। जबकि आजादी की मुख्य लड़ाई में सबसे ज्यादा आहुतियां गुर्जर बिरादरी ने दी। दूसरी ओर राजस्थान सरकार भी हर बार गलत कानून बनाकर इसे लागू कर रही है, जिससे दो बार यह आरक्षण न्यायपालिका में रद्द हो चुका है।

यही आरक्षण झारखंड में 60′, छत्तीसगढ़ में 57′, महाराष्ट्र में 52 ‘, तमिलनाडू में 69 ‘, उत्तरी पूर्वी राज्यों में 80 से 95 ‘ तक मिल रहा है। चिंतन करने वाली बात ये है कि क्या इस देश में दो प्रकार के कानून काम कर रहे हैं। पोसवाल ने राष्ट्रपति से मांग की है कि इस जाति के साथ न्याय करने के लिए केंद्र सरकार को अनुशंषा की जावे कि वो गुर्जर रेजीमेंट की मांग पूरी करे एवं गुर्जर आरक्षण के लिए राज्य सरकार को निर्देश दे एवं राज्य से गए हुए आरक्षण के बिल को संसद में नौवीं अधिसूची में डलवाकर कानून बनाने में सहयोग प्रदान करावे।

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