भीलवाड़ा जिले के आसिंद स्थित बंक्याराणी मंदिर के बारे में प्रदेश के एक अखबार में छपी अंधविश्वास सम्बंधी खबर पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पथिक सेना संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मंदिर ट्रस्ट के संरक्षक महावीर पोसवाल ने कहा है कि यह मंदिर व ट्रस्ट को बदनाम करने की बड़ी साजिश के तहत किया जा रहा है। पोसवाल ने कहा है कि जो छाया चित्र व केप्शन समाचार पत्र के मुख पृष्ठ पर प्रकाशित किये गये है,ं वो बंक्याराणी मन्दिर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित दूसरे मंदिर के हैं। पोसवाल ने आरोप लगाया है कि सिर व मुंह में जूते रखवाकर जो फ ोटो ली गई है, वो साजिशवश भीख मांगनेवाली महिलाओं को पैसे देकर खींची गई है।
जबकि वहां आने वाले पीडि़त श्रद्धालुओं को अपने शरीर व कपड़ों का भान ही नहीं रहता, उनको क्षत विक्षत अवस्था में लाया जाता है। अखबार की खबर को तथ्यहीन बताते हुए पोसवाल ने कहा है कि खबर में मंदिर की 200 सीढिय़ों का जिक्र किया गया है, जबकि वास्तव में मंदिर पर मात्र 25 सीढिय़ां ही हैं। जिस व्यक्ति का वर्जन दिया गया है वो ट्रस्ट में न्यासी नहीं है और न ही अध्यक्ष। दूसरी ओर सात सौ साल पुराने इस मंदिर में लोग अपनी श्रद्धा व आस्था के अनुसार पीठ, पेट व घुटनों के बल, कनक दंडवत करते हुए दर्शन करने के लिए आते हैं, जो सिद्धपीठ मंदिरों में अक्सर देखा जाता है। पोसवाल ने कहा है कि मंदिर में किसी प्रकार का झाड़-फूं क नहीं किया जाता और मंदिर ट्रस्ट का संरक्षक होने के नाते लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से अपील करता हूं कि भविष्य में इस प्रकार की अमौलिक खबर प्रकाशित कर जनता की आस्था के साथ खिलवाड़ न करे।
सारी खबर के पीछे एक खान मालिक के षडयंत्र को जिम्मेदार ठहराते हुए पोसवाल ने मंदिर के पास स्थित एक खान को ग्रामीणों ने बंद करवाया था, जिसके प्रत्युत्तर के तौर पर उसके द्वारा से घिनौने कृत्य करवाये जा रहे हैं। इससे पहले भी हमारे स्थानीय अंतराष्ट्रीय मंदिरों को बदनाम करने की साजिशें रची गई थीं।