अंधेर नगरी, चौपट व्यवस्था, लाचार राज, बेबस प्रजा

Drains

दुलियां स्कूल की गली में जाम निकालने के नाम पर खोले गये नाले को एक महीना बीत जाने के बाद भी नगरपरिषद द्वारा ना तो नाले की सफाई हो सकी है और ना ही नाले को वापस ढक़ने का कार्य किया गया है। जिससे आये दिन राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दुलियां में पढऩे आने वाले छोटे-छोटे बच्चे, बाईक सवार एवं राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। खुले नाले के कारण सडक़ पर फैले कीचड़ से गली में रहने वाले परिवारों का आवागमन मुश्किल हो रहा है। लेकिन नगरपरिषद प्रशासन है कि बार-बार लिखित एवं मौखिक निवेदन करने के बावजूद भी अपनी कुम्भकर्णी नींद से नहीं जाग रहा है। गली के वाशिंदों द्वारा गुरूवार को उपखण्ड अधिकारी, विधायक खेमाराम मेघवाल व सभापति सिकन्दर अली खिलजी को ज्ञापन सौंपकर समस्या के समाधान की मांग की गई थी। लेकिन विधायक ने जहां इसे नगरपरिषद का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया, वहीं सभापति ने आयुक्त सहित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों का रोना रोते हुए नाले की सफाई गुरूवार शाम को शुरू करवाने का आश्वासन दिया था।

पिछले एक महीने से सभापति द्वारा नाले की सफाई को लेकर दिये जा रहे आश्वासनों की ही तरह ये आश्वासन भी सुर्य अस्त आश्वासन पस्त की तरह हवा हो गया। गुरूवार के बाद शुक्रवार का पूरा दिन बीत जाने के बाद भी नाले की सफाई शुरू नहीं हो सकी। सभापति के बार-बार कहने के बाद भी ठेकेदार द्वारा नाले की सफाई नहीं करना, सभापति की ठेकेदारों एवं कर्मचारियों पर ‘‘मजबूत’’ पकड़ को दर्शाता है। सभापति का कहना है कि परिषद में आयुक्त, एईएन, जेईएन सहित अनेक पद रिक्त चल रहे हैं तथा बिना अधिकारी के काम नहीं हो पा रहा है तथा जिन्हे टेम्परेरी लगाया गया है, वे टाईम पास करने के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं। विधायक एवं सभापति द्वारा दिये जा रहे बयानों से ऐसा लग रहा है उन्हे सुजानगढ़ की जनता से ज्यादा अपनी राजनैतिक धोबी पछाड़ महत्वपूर्ण लग रही है तथा दोनो ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा ठेकेदारों द्वारा काम नहीं करने की कह कर अपनी लाचारी प्रदर्शित कर रहे हैं।

विद्यालय प्रशासन ने भी लिखे हैं अनेक पत्र
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दुलियां के प्रधानाचार्य मालाराम बिस्सू ने बताया कि नाले की सफाई को लेकर उपखण्ड अधिकारी, नगरपरिषद आयुक्त और सुगम पोर्टल पर लगातार शिकायतें दर्ज करवाई जा रही है तथा पत्र व्यवहार किया जा रहा है। लेकिन हालात जस के तस हैं। बिस्सू ने बताया कि राजस्थान शिकायत पोर्टल पर नाले की सफाई को लेकर 30 नवम्बर को पहली बार शिकायत दर्ज करवाई गई। उसके बाद 14 दिसम्बर, 19 फरवरी, 16 मार्च और चार जुलाई को बार-बार स्मरण करवाया गया। लेकिन नाले की सफाई को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई। अपितु समस्या पहले से ज्यादा विकराल हो गई। प्रधानाध्यापक बिस्सू ने बताया कि बार-बार पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाने पर एक दिन चूरू से फोन पर नाले के साफ होने की जानकारी दी गई तो उन्हे बताया कि उनके द्वारा दी जा रही जानकारी में सत्यता का नितान्त अभाव है तथा नगरपरिषद द्वारा उन्हे झूठी सूचना उपलब्ध करवाई गई है। इसके बावजूद आज दिन तक नाले की सफाई नहीं हुई और इसे खोल कर समस्या को सुरसा के मुंह के समान बढ़ा दिया है। प्रधानाचार्य ने बताया कि विद्यालय के दरवाजे के सामने करीब पांच फीट चौड़ा गढ्ढा होने से दो अध्यापकों द्वारा बच्चों का विद्यालय में प्रवेश एवं निकास करवाया जा रहा है।

पम्प हाऊस तक नहीं पंहूच रहा है नाले का पानी
नया बाजार चौक से दुलियां ताल स्थित पम्प हाऊस तक आने वाले इस नाले को दुलियां स्कूल से आगे कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कचरा एवं अन्य अवरोधक डालकर रोक दिये जाने के बाद लम्बे समय से नाले का गंदा पानी पम्प हाऊस तक नहीं जाकर दुलियां स्कूल के खेल मैदान में जा रहा है। जिससे बच्चों की खेलकूद बंद हो गई है। पम्प हाऊस तक पानी नहीं पंहूचने और खेल मैदान में एकत्रित होने के कारण मच्छर जनित मलेरिया, डेंगू सहित मौसमी बिमारियों का खतरा हर समय बना हुआ है।

बिना सफाई के 21 सालों से उठ रहा है बजट
1995 में सफाई कर बंद किये गये लक्ष्मीनारायण धोदवाला के घर से दुलियां स्कूल तक के नाले की सफाई 21 साल में एक बार भी नहीं हुई। जबकि सफाई के नाम पर बजट हर वर्ष आवंटित भी हुआ है और नगरपरिषद से ठेकेदार द्वारा उठाया भी गया है।

राजनीति की शिकार सुजानगढ़ नगरपरिषद
भाजपा और कांग्रेस की राजनीति का नुकसान सुजानगढ़ की जनता को उठाना पड़ रहा है। राज्य में भाजपा की सरकार होने एवं स्थानीय विधायक भाजपा से होने तथा नगरपरिषद कांग्रेस की होने के कारण नगरपरिषद में रिक्त पदों पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने से शहर का विकास एवं जन साधारण के आवश्यक कार्य ठप्प हो गये हैं। विधायक कहते हैंं कि नगरपरिषद हमारी नहीं तो कांग्रेस कहती है राज्य में सरकार व विधायक हमारा नहीं है। लेकिन विधायक एवं नगरपरिषद सभापति सहित पार्षदों को शहर के विकास के लिए चुना तो सुजानगढ़ की जनता ने ही है। इनकी आपस की राजनैतिक लड़ाई में जनता चक्की में मोठ के साथ घुन के समान पिस रही है।

इनका कहना है –
सभापति के कहने पर गुरूवार शाम को मजदूर, ट्रैक्टर, जेसीबी लेकर नाला निकालने गया था, लेकिन बरसात आने के कारण वापस लौटना पड़ा। रविवार को नाला निकलवा दूंगा।
प्रदेश सियोता ठेकेदार

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