करीब आठ साल पुराने जानलेवा हमले के आरोपी को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नेपालसिंह ने दस वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 19 मई 08 को जयपुर के शेखावाटी हॉस्पीटल में भर्ती सीताराम चौधरी ने पर्चा बयान दिया कि 18 मई 08 की दोपहर साढ़े तीन बजे वह अपने घर से विजय खेतान के घर जा रहा था। रास्ते में रामपुरिया कॉटेज के पास काले रंग की लक्जरी गाड़ी मेरे आगे आकर रूकी। जिसमें से मनीष हरिजन, असलम कायमखानी एवं पांच-7 अन्य उतर कर आये और मुझे जबरदस्ती गाड़ी में डाल लिया और नया बाजार चौक में मनीष हरिजन ने चाकू निकाल कर मेरे दाहिने हाथ में घुसा दिया तथा असलम ने लोहे के पाइप से मेरे सिर व हाथों पर चोटें मारी।
पर्चा बयान के आधार पर पुलिस ने 20 मई 08 को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। अनुसंधान अधिकारी ने मामले में पांच जनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। जिनमें से मनीष हरिजन की हत्या हो गई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 21 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाये गये। एडीजे नेपालसिंह ने राजेन्द्र, डा. सर्वेशकुमार, लीलाधर के साक्ष्य को प्रमाणित मानने के साथ ही मुस्तगिस की चोट प्रतिवेदन को डॉक्टर द्वारा प्रमाणित मानते हुए भादंस की धारा 307 के तहत सजा के बिन्दू पर सुनवाई कर आरोपी असलम कायमखानी को दस वर्ष के कारावास एवं दस हजार रूपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया। दस हजार रूपये के अर्थ दण्ड में से आठ हजार रूपये पीड़ित सीताराम चौधरी को क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिये। अदम अदायगी नहीं होने पर एक माह के कारावास की सजा सुनाई। सरकार की ओर से मामले में पीपी एड. कुम्भाराम आर्य ने पैरवी की।