राजस्थानी को मान्यता ही सेठिया जी को सच्ची श्रद्धांजली – सामौर

Padma Shri kanhaiyalal sethia

राजस्थान गौरव व पदमश्री अलंकरण से सम्मानित साहित्यकार कन्हैयालाल सेठिया की छठी पुण्य तिथि पर मरूदेश संस्थान के तत्वाधान में श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया। जीवन संध्या वृद्धाश्रम प्रांगण में संगीत साधना संस्थान के शंकर माहेश्वरी एवं उनकी टीम ने ‘‘धरती धोरां री’’ गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। आयोजन के मुख्य वक्ता और सभाध्यक्ष वरिष्ठ साहित्य मर्मज्ञ प्रो. भंवरसिंह सामौर ने कहा कि सेठिया की कविता संघर्ष की प्रेरणा देती है। उन्होने बताया कि राजस्थानी की सेवा के लिए कन्हैयालाल सेठिया के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।

सामौर ने कहा कि राजस्थानी भाषा को संवैद्यानिक मान्यता मिलना ही सेठिया जी को सच्ची श्रद्धांजली होगी। मरूदेश संस्थान अध्यक्ष युवा साहित्यकार एड. घनश्यामनाथ कच्छावा ने सेठिया जी के साहित्यिक व्यक्तित्व के सम्बन्ध में विस्तार से बताया। आयोजन में जीवन संध्या वृद्धाश्रम के अध्यक्ष राधेश्याम मानव ने कहा कि सेठिया जी का साहित्य हमें प्रेरणा देता है। एड. निरंजन सोनी ने सेठिया जी के प्रेरक प्रसंग बताये। वरिष्ठ पत्रकार हीरालाल दाधीच ने पाथळ और पीथळ का सस्वर पाठ किया। इस अवसर पर दर्शनलाल भरतवाल, शंकरलाल सामरिया, ओम तुनवाल, गोपालकृष्ण कोटिया, भंवरलाल पाण्डर, निरंकारी महात्मा कुलदीप, सुनीता रावतानी ने भी विचार व्यक्त किया।

मुकेश रावतानी ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि का रेखांकित किया। कार्यक्रम में उदीयमान रचनाकार कवि हरिराम मेघवाल, कुमार भारती, गीतकार रफीक राजस्थानी, सुमित लाटा का सम्मान किया गया। गौरीशंकर वर्मा, रामनिवास गुर्जर, अभिषेक टेलर, विजयकुमार सोनी, ज्योति कच्छावा, भारती शर्मा, अजय गुर्जर, विकास भडाना ने अतिथियों का स्वागत किया। संस्थान सचिव कमलनयन तोषनीवाल ने आभार व्यक्त किया। संचालन घनश्यामनाथ कच्छावा ने किया।

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