कस्बे की रीनू भार्गव ने राजस्थान सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त के समक्ष द्वितीय अपील पेश कर लोक सूचना अधिकारी नगरपरिषद झुंझुनू द्वारा मिथ्या जवाब देकर आवेदन में वांछित सूचनायें उपलब्ध नहीं कराने की शिकायत करने के साथ ही चाही गई सूचनायें उपलब्ध करवाने की मांग की गई है। अपील के प्रार्थना पत्र में रीनू भार्गव ने लिखा है कि उसने 2 मई 2014 को स्थानीय निकाय विभाग जयपुर के क्षेत्रिय उपनिदेशक को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना मांगी थी।
जिसे नगरपरिषद झुंझुनू से सम्बन्धित होने के कारण 8 मई 2014 को नगरपरिषद झुंझुनू को अग्रेषित कर दिया था। जिसकी प्रति प्रार्थिनी को प्राप्त होने पर उसने नगर परिषद झुंझुनू में फोन सम्पर्क करने पर उपनिदेशक के आदेश की प्रति प्राप्त होना स्वीकार करने के साथ ही मूल आवेदन की प्रति नहीं होना बताया। इस पर प्रार्थिनी ने 3 जुन 2014 को पंजीकृत डाक से मूल आवेदन की प्रति पोस्टल ऑर्डर संलग्न कर भिजवा दिया था। परन्तु लोक सूचना अधिकारी नगर परिषद झुंझुनू ने निर्धारित समयावधि में वांछित सूचनायें नहीं भिजवाई। जिसकी प्रथम अपील सभापति नगर परिषद झुंझुनू के समक्ष 26 जुन 2014 को की गई थी। 28 जुन 2014 को जिला कलेक्टर झुंझुनू को पंजीकृत पत्र प्रेषित कर वांछित सूचनायें दिलवाने का निवेदन भी किया था। प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि 22 जुलाई 2014 को नगर परिषद झुंझुनू का पंजीकृत डाक से पत्र प्राप्त हुआ, जिसमे लोक सूचना अधिकारी ने वांछित सूचनाओं को व्यक्तिगत बनाने का प्रयास करते हुए वर्जित बताया है।
प्रार्थना पत्र में बताया गया कि नगर परिषद झुंझुनू के कनिष्ठ अभियन्ता सत्यनारायण भार्गव की विभागीय सेवा सम्बन्धी सूचनायें और लोक दस्तावेज व्यक्तिगत नहीं हो कर लोक प्राधिकरण में कार्यरत लोक सेवक से सम्बन्धित सूचनाओं के प्रकटीकरण लोक हित ही है। प्रार्थना पत्र में जांच के बाद दोषी लोक सूचना अधिकारी नगर परिषद झुंझुनू के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने तथा वांछित सूचनायें उपलब्ध करवाने की मांग की गई है।