ड्यूटी के दौरान शराब पीकर लापरवाही बरतना उन चार पुलिसकर्मियों को भारी पड़ गया, जिनकी हिरासत से सालासर थाने का हार्डकोर अपराधी बहादुरसिंह फरार होने में कामयाब हो गया। बीकानेर जेल के चारों चालानी गार्डों हैड कांस्टेबल गुमानाराम, कांस्टेबल प्रेमसुख, राजेन्द्र व बाबूलाल के खिलाफ ड्यूटी के दौरान गम्भीर लापरवाही बरतने, शराब का सेवन कर अपराधी का सहयोग करने का मामला सालासर थाने में चारों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया। सालासर पुलिस के अनुसार कांस्टेबल प्रेमसुख ने बुधवार चार जुन को शाम चार बजकर पांच मिनट पर पुलिस थाने पर सूचना दी कि हम चार पुलिसकर्मी हैड कांस्टेबल गुमानाराम सहित बीकानेर जेल में सजा काट रहे हार्डकोर अपराधी बहादुरसिंह उर्फ पहलवान निवासी खारिया कनिराम को सीकर कोर्ट में एसीजेएम न्यायालय में पेशी भुगताकर वाया खारिया कनिराम होते हुए बीकानेर ले जा रहे थे।
बहादुरसिंह व उसका साथ राजेन्द्र हमारे हथियार छीनकर हमारी हिरासत से भाग गये। हम निर्जन स्थान पर खड़े हैं। इस सूचना पर थानाधिकारी कमलकुमार मय जाप्ते के बहादुरसिंह के गांव खारिया कनिराम पंहूचे। वहां थानाधिकारी को प्रेमसुख ने बताया कि हम साण्डन के रास्ते पर खड़े हैं। वहां पर चारों पुलिसकर्मी वर्दी में मिले। जिनमें से प्रेमसुख को छोड़कर बाकी तीनों पुलिसकर्मियों ने शराब पी रखी थी। प्रेमसुख ने बताया कि मंगलवार रात्री को बहादुरसिंह को बीकानेर जेल से सीकर कोर्ट में पेश करने के लिए सीकर पंहूचे। सीकर पंहूचने के बाद राजलक्ष्मी होटल में रूके और वहां का पूरा खर्चा मुजरिम बहादुरसिंह ने दिया। उसके बाद में सीकर कोर्ट में पेश करने के बाद मुजरिम बहादुरसिंह ने कहा कि मैने अपनी निजी गाड़ी मंगवा ली है, जिसमें हम मेरे गांव खारिया कनिराम होकर चलेंगे। इस पर हैड कांस्टेबल गुमानाराम ने सहमती जता दी। उसके बाद निजी सफारी गाड़ी में सवार होकर हम सीकर से बाहर एक शराब की दुकान पर रूके। वहां पर ड्राईवर ने शराब और बीयर ली। हम लोगों को पिलाई। उसके बाद एक जगह और गाड़ी रोकी व शराब ली। शराब पिलाने वाले को बहादुरसिंह राजेन्द्रसिंह के नाम से पुकार रहा था। वहां से चल कर हम लोग जुलियासर बिजूसिंह उर्फ बिजेन्द्रसिंह राजपूत के घर शराब पी और खाना खाया।
उसके बाद मुजरिम बहादुरसिंह के साथ हम खारिया कनिराम उसके घर परिवार में चाचा के स्वर्गवास होने पर शोक प्रकट करने के लिए उनके घर गये। बाद में उसी सफारी गाड़ी में सवार होकर हम चारों पुलिसकर्मी, बहादुरसिंह व ड्राईवर राजेन्द्रसिंह खारिया कनिराम से एक किमी दूर साण्डन मार्ग पर आ गये। जहां पर बहादुरसिंह ने गाड़ी रूकवाकर राजेन्द्र की रिवॉल्वर लेकर हम चारों के हथियार छीन लिये तथा डराने के लिए तीन फायर किये। बहादुरसिंह हथकड़ी सहित राजेन्द्रसिंह के साथ हमारी एस.एल.आर. बन्दूक हम से छीन कर ले गया। हम उसके पीछे पैदल गये तो एक एस.एल.आर. खेत में ग्रेवल रोड़ पर पड़ी मिली और बहादुरसिंह राजेन्द्र के सहयोग से वहां से भाग गया। सालासर पुलिस ने मामला दर्ज कर चारों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया।
दो दिन के रिमाण्ड पर
बहादूरसिंह फरारी प्रकरण में गिरफ्तार चारों पुलिसकर्मी हैड कांस्टेबल गुमानाराम, कांस्टेबल प्रेमसुख, राजेन्द्र व बाबूलाल को गुरूवार शाम को एसीजेएम न्यायाधीश के घर पर पेश किया गया। जहां पर चारों दोषी पुलिसकर्मियों को दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर सौंपे जाने के आदेश दिये गये।
सम्भावित ठिकानों पर दबिश
बहादुरसिंह के फरार होने के बाद से बुधवार सारी रात और गुरूवार को दिन भर पुलिस फरार अपराधियों की तलाश में उनके सम्भावित ठिकानों पर दबिश देने में जुटी हुई थी। लेकिन गुरूवार देर शाम तक पुलिस को किसी प्रकार की कोई सफलता नहीं मिली है। बहादुरसिंह के फरार होने के बाद से क्षेत्र के सभी अपराधियों के सम्भावित ठिकानों पर पुलिस की दबिश जारी है। लेकिन पुलिस को फरार आरोपियों के बारे में किसी प्रकार का कोई सुराग नहीं मिला है। वहीं पुलिस मोबाईल डिटेल निकालने में भी जुटी हुई है।
आला अधिकारियों ने डाला सालासर में डेरा
हार्डकोर अपराधी बहादुरसिंह के फरार होने की सूचना के बाद बीकानेर आई.जी. लक्ष्मण मीणा व चूरू जिला पुलिस अधीक्षक राहुल कोटोकी ने सालासर में पंहूचकर पूरे प्रकरण पर निगाह रखते हुए अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
सुरक्षा को लेकर सामने आया पुलिस का दोहरा बरताव
बहादुरसिंह के फरार होने पर पुलिस ने जहां एक ओर सालासर के पुजारी परिवार के कमल पुजारी उर्फ कमल कबाड़़ी को सुरक्षा उपलब्ध करवाई हैं, वहीं दूसरी ओर बहादुरसिंह जिस निर्मल भरतिया से कमल पुजारी से अधिक रंजिश रखता है, उसे कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई। जो पुलिस के दोहरे बरताव को दर्शाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जयपुर में एक बार बहादुरसिंह ने निर्मल कुमार भरतिया का अपहरण कर जान से मारने का प्रयास किया था। जिसमें बहादुरसिंह को सजा हुई थी। दूसरी बार बीकानेर जेल में बहादुरसिंह ने अपने साथियों के साथ निर्मल कुमार भरतिया पर चाकुओं से हमला कर जान से मारने का प्रयास किया था। जिसमें न्यायालय ने बहादुरसिंह व उसके साथियों को दो साल की सजा सुनाई थी।
श्रीगंगानगर जेल में रहते हुए जयपुर न्यायालय में पेश होकर वापस जाते समय रानोली के पास फरार होने का बहादुरसिंह ने प्रयास किया था। इस प्रकारण में पुलिस के आला अधिकारियों ने एक भी दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की तथा न ही बहादुरसिंह के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज किया। केवल रोजनामचे में रपट डालकर मामले को रफा-दफा कर दिया। जिस पर निर्मल भरतिया ने एसीजेएम न्यायालय सीकर में परिवाद पेश कर मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसकी तारीख पेशी पर बहादुरसिंह बीकानेर जेल से सीकर लाया गया था। जिसमें न्यायालय में पेश होने के बाद वापस बीकानेर जाते समय फरार होने में कामयाब हो गया।
in polis walo ki esi marmat karni chahiye ki aage esa koi polis wala na kare sarab pina hi bhul ja e…………