
चैत्र पुर्णिमा का लक्खी मेला मंगलवार को बालाजी के धोक लगाने के साथ ही सम्पन्न हो गया। मेले में श्रद्धालुओं के भारी संख्या में आगमन को देखते हुए प्रशासन व हनुमान सेवा समिति द्वारा विशेष व्यवस्थायें की गई थी। बालाजी के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला सोमवार शाम को ही शुरू हो गया था। जो मंगलवार को दिन भर जारी रहा।
करीब पांच किमी लम्बी लाईन में कतारबद्ध होकर चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बालाजी के धोक लगाई। कतारबद्ध श्रद्धालुओं के लिए ऊपर कनातें लगाकर छाया की व्यवस्था की गई। वहीं उन्हे पीने के पानी के पाऊच, फल, टॉफियों का पूरे रास्ते में श्रद्धालुओं व हनुमान सेवा समिति के स्वयंसेवकों द्वारा किया गया। श्रद्धा और सेवा का अनुठा भाव सालासर में पिछले एक सप्ताह से साकार हो रहा है। एक ओर जहां दूर-दूर से बालाजी के दर्शनार्थ श्रद्धालु दूर-दूर से पैदल चल कर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पदयात्रियों की सेवार्थ रास्ते में स्वयंसेवी संस्थाओं एवं समाजसेवियों द्वारा भण्डारे लगाकर सेवा की जा रही है। सालासर धाम में अनेक स्थानों पर भण्डारे चल रहे है।
मेले में उमड़े श्रद्धालुओं के जयकारों से सालासर धाम गुंजायमान हो रहा है तथा धर्मशालाओं में हनुमान चालिसा पाठ, सुन्दरकाण्ड पाठ एवं रामायण की चौपाईयों से गुंज रही है। सालासर आने वाला प्रत्येक रास्ता बालाजी के भक्तों से अटा पड़ा है तथा बाबा के जयकारों से गुंजायमान हो रहा है। पूरा सालासर धाम सिन्दूरी रंग में रंगा नजर आ रहा है। मेले की व्यवस्थाओं को लेकर हनुमान सेवा समिति प्रशासन के साथ पूरी तरह से मुस्तैदी के साथ जुटी हुई थी।