
सावन से पहले ही गुरूवार को दिनभर सावन की झड़ी लगी रही। पिछले करीब एक सप्ताह से बादलों से आच्छादित आसमान से रूक-रूक कर हो रही फुहारों ने गुरूवार को झड़ी का रूप ले लिया। दिन उगने से पहले तड़के ही शुरू हुई बरसात दिन भर होती रही। सुबह के समय अखबार बांटने वाले हॉकरों, दूध सप्लाई करने वालों, ब्रेड बेचने वालों एवं फेरी लगाकर सामान बेचने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिन भर झड़ी रहने से कस्बे के बाजार पूरे दिन सूने ही रहे।
बाजार में लोगों का आवागमन बहुत की कम रहा। बरसात के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई। नाथो तालाब पूरी तरह से भर गया। तालाब का पानी जाजोदिया स्कूल में प्रवेश पाने को बेताब नजर आ रहा है। तालाब के भर जाने से आस-पास के मौहल्लों में पानी भरने की सम्भावना बनती जा रही है। वहीं गांधी चौक, दुलियां ताल, हरिजन बस्ती, होली धोरा, नलिया बास, नया बास की आधा दर्जन से अधिक गलियां से पानी की निकासी धीरे-धीरे होती रही। मौसम के दिन भर खुशनुमा रहने से बाजार में चाय व चाट पकौड़ी की दुकानों पर दिनभर भीड़ लगी रही।