पांच महीने बाद भी नहीं लगा लक्ष्मीनाथ मन्दिर चोरी का सुराग

Laxmi Nath Temple

कस्बे के अगुणा बाजार स्थित लक्ष्मीनाथ मन्दिर से भगवान श्री लक्ष्मीनाथ सहित चार मूर्तियों के चोरी होने के पांच महीने बाद भी नतीजा वही ढ़ाक के तीन पात वाला है। चोरी के बाद हुए अनेक प्रदर्शनों एवं ज्ञापनों के दौर के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा दिये गये सभी आश्वासन पानी के बुलबुले साबित हुए हैं। लक्ष्मीनाथ मन्दिर से गत 18 दिसम्बर को भगवान लक्ष्मीनाथ की अष्टधातू की साढ़े तीन सौ साल पुरानी मूर्ति सहित राधा जी,चारभूजा धारी व महारानी जी मूर्तियों अज्ञात चोर चुरा कर ले गये थे। जिनका पांच महीने बाद भी पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई है तथा राजनेताओं की तरह आश्वासन एवं न्यायालयों की तर्ज पर तारीख ही दे रही है।

परन्तु जांच किस दिशा में कितनी आगे तक पंहूची है, इस बारे में बताने से पुलिस प्रशासन का गला सुख रहा है और उन्हे थूक गटकना पड़ रहा है। शहर के मध्य भाग में स्थित सुजानगढ़ की स्थापना के समय से निर्मित पुरातन महत्व के इस मन्दिर से मूर्तियों की चोरी होने कस्बेवासियों को आस्था पर भारी आघात पंहूचा है। चोरी के तुरन्त बाद कस्बे के बाजार बंद करवाने के अलावा लक्ष्मीनाथ मन्दिर संघर्ष समिति द्वारा पुलिस थाने के बाहर धरना प्रदर्शन सहित विभिन्न मन्दिरों के पुजारियों, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा अनेक बार मूर्तियों की बरामदगी की मांग एवं चोरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपे गये। परन्तु हालात लौट के बुद्धू घर को आने वाले से हैं, ना तो अभी तक मूर्तियां आई और ना ही चोर पकड़े गये और ना ही पुलिस इस दिशा में अपनी जांच को एक कदम भर बढ़ा पाई। मन्दिर में आने वाले दर्शनार्थियों के लिए सभा मण्डप में खाली स्थान दिल पर छूरी चलाने के समान है।

मूर्तियों की चोरी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल, खान एवं पर्यावरण मंत्री राजकुमार रिणवां, सांसद राहूल कस्वां, विधायक खेमाराम मेघवाल, पूर्व विधायक रामेश्वर भाटी, अमृतनाथ आश्रम के विकासनाथ जी महाराज, पूर्णनाथ आश्रम लक्ष्मगणढ के सुमरतिनाथ जी महाराज, मिरण आश्रम के मुक्त्तिनाथ जी, महामण्डेलवश्वर प्रज्ञानाथ जी महाराज, दिल्ली के छतरपुर मन्दिर के महाराज, माण्डेता आश्रम के कानपुरी जी महाराज सहित अनेक जनप्रतिनिधियों एवं संतों ने मन्दिर आकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली थी। लेकिन इतनी महान विभूतियों के आने का भी कोई लाभ नहीं मिला।

लक्ष्मीनाथ मन्दिर संघर्ष समिति, समस्त व्यापारिक संगठन, पुजारी परिवार, समस्त मन्दिरों के पुजारी समाज, अभिभाषक संघ, सुजानगढ़ सर्वसमाज संगठन, मैढ़ स्वर्णकार समाज, मुस्लिम युवा जमाअत, विधायक खेमाराम मेघवाल, रावणा राजपूत सभा, पीपा क्षेत्रिय समाज सभा, कपड़ा व्यापार संघ, अहिंसा विकास मंच, सुजानगढ़ विकास संस्थान, विश्व हिन्दू परिषद आदि संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, गृह मंत्री गुलाबचन्द कटारिया, देवस्थान विभाग, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जिला कलेक्टर चूरू, आई.जी. बीकानेर रेंज, पुलिस अधीक्षक चूरू, उपखण्ड अधिकारी सुजानगढ़, जांच अधिकारी एवं छापर थानाधिकारी विष्णुदत विश्नोई विहिप के डा. प्रवीण भाई तोगड़िया को ज्ञापन सौंपकर मूर्तियों की बरामदगी करने एवं चोरों को गिरफ्तार करने की मांग की गई थी। लेकिन चोरी के पांच महीने बाद भी अभी तक हालात जस के तस हैं। मूर्ति चोरों की गिरफ्तारी नहीं होने एवं मूर्तियों की बरामदगी नहीं होने से आम जन में आक्रोश है, ये आक्रोश कब किस रूप में ज्वालामुखी बन कर फुटेगा यह तो भविष्य के गर्भ में हैं।

ये कहना है :-
मेहनत पूरी कर रहे हैं, कभी चोरी का खुलासा होने में समय लग जाता है। सुराग नहीं मिल रहा है, भगवान की मदद मिलेगी, ऐसी आशा है।
राहूल कोटोकी
पुलिस अधीक्षक चूरू
जांच चल रही है, प्रयास किये जा रहे हैं, सफलता मिलने की उम्मीद है। विष्णुदत विश्नोई, जांच अधिकारी व थाना प्रभारी पुलिस थाना छापर

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