सुजानगढ़ विकास संस्थान द्वारा बीकानेर रियासत की पूर्व राजकुमारी एवं सांसद सिद्धीकुमारी को ज्ञापन प्रेषित कर राज्य व केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर लक्ष्मीनाथ मन्दिर से चार माह पहले चोरी हुई भगवान लक्ष्मीनाथ सहित चार दुलर्भ एवं बेशकीमती मूर्तियों को बरामद करवाने में सहयोग करने की मांग की गई है। राजस्थान पेंशनर समाज के पूर्व सचिव नरसाराम फलवाड़िया, नगरपरिषद में नेता प्रतिपक्ष रामनारायण प्रजापत, ब्लॉक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सत्यनारायण खाखोलिया व मन्दिर के पुजारी विजयकुमार मिश्र ने ज्ञापन में लिखा है कि गवर्नमेन्ट ऑफ राजश्री बीकानेर के पूर्व महाराजा गंगासिंह जी द्वारा निर्मित लक्ष्मीनाथ मन्दिर से चार माह पूर्व बेशकीमती एवं दुर्लभ अष्ट धातू की चार मूर्तियां चोरी हो गई थी।
जिसकी सूचना तत्काल पुलिस थाने में पुजारी परिवार द्वारा दी गई थी। लेकिन लगातार आन्दोलन, पत्राचार एवं संघर्ष करने के बावजूद न तो मूर्तियां बरामद हुई है और न ही पुलिस चोरों को पकड़ने में सक्रिय दिखाई देती है। मूर्ति चोरों की गिरफ्तारी एवं मूर्तियों की बरामदगी के लिए शहर के सम्भ्रान्त नागरिकों द्वारा पुलिस थाने के समक्ष धरना प्रदर्शन भी किया गया था। ज्ञापन में बताया गया है कि लक्ष्मीनाथ जा का यह मन्दिर राजश्री बीकानेर ने अपने दौरे के समय दर्शनार्थ ही सरकारी मन्दिर बनवाया था। जिसकी सार-सम्भाल एवं पूजा-पाठ वर्षों से मिश्र परिवार कर रहा है।
राजघराने द्वारा निर्मित मन्दिर की आलोकित मूर्तियों की भव्यता से प्रभावित दर्शनार्थी दर्शन के बाद ही दैनिक कार्य करते आये हैं। ज्ञापन में बताया गया है कि मूर्तियों के चोरी होने के बाद पिछले चार माह में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व शिक्षा मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल, वसुन्धरा सरकार में पर्यावरण एवं खान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवां, विधायक खेमाराम मेघवाल सहित कईं संत-महात्माओं ने मन्दिर पंहूचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेते हुए मूर्तियों की चोरी को गम्भीर माना है। इसके बाद भी सरकार एवं प्रशासन संवेदनशील दिखाई नहीं दे रहे हैं। ज्ञापन में कटाक्ष किया गया है कि काबिना मंत्री का कुत्ता गायब होने पर पुलिस का पूरा अमला लगाकर तुरत-फुरत में कुत्ते को बरामद कर लिया जाता है और सुजानगढ़ के लक्ष्मीनाथ मन्दिर से मूर्तियों के गायब होने के चार माह बाद भी मूर्तियों का बरामद नहीं होना सरकार व पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान लगाता है।