
श्री देवसागर सिंघी जैन मन्दिर का शताब्दी समारोह आज 31 जनवरी से शुरू होगा। वर्ष 1915 में स्थापित भगवान पार्श्वनाथ के ऐतिहासिक महत्व रखने वाले श्री देवसागर सिंघी जैन मन्दिर ट्रस्ट के ट्रस्टी रणजीत सिंघी ने बताया कि मन्दिर की स्थापना उनके पूर्वज नगर सेठ पन्नेचन्द सिंघी, जैसराज सिंघी एवं गिरधारीमल सिंघी ने की थी। ट्रस्टी रणजीत सिंघी ने बताया कि चार दिवसीय शताब्दी समारोह में विविध कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
समारोह की संयोजिका कमला सिंघी ने जानकारी देते हुए बताया कि 31 जनवरी शनिवार शाम को नवकार मंत्र जाप से प्रारम्भ कार्यक्रम के पश्चात भगवत किंकर पं. अनुराग कृष्ण शास्त्री वृंदावन के सानिध्य में सुन्दरकाण्ड पाठ आयोजित किया जायेगा। अगले दिन एक फरवरी रविवार को प्रात: नौ बजे स्नात्र पूजा के पश्चात दोपहर में एक बजे शोभायात्रा निकाली जायेगी। इसी दिन शाम को भक्ति भजन संध्या में श्री आदीश्वर मण्डल एवं वीर मण्डल बीकानेर के सदस्यों द्वारा भक्ति की रचनाऐं प्रस्तुत की जायेगी।
श्रीमती सिंघी के अनुसार दो फरवरी सोमवार को प्रात: दस बजे जैन विद्वत गोष्ठी व धर्म सभा आयोजित होगी। इसी दिन रात्री में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जायेगा। जिसमें स्मारिका विमोचन, भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रकाशित डाक टिकट व विशेष आवरण के साथ उल्लेखनीय क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया जायेगा।