
नाथो तालाब स्थित मातृ शिश कल्याण केन्द्र पिछले एक दशक से वापस शुरू होने की बाट जो रहा है। भामाशाह फतेहपुरिया परिवार द्वारा लाखों रूपये की लागत से निर्मित इस केन्द्र का 9 जून 1992 को तत्कालीन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ललितकिशोर चतुर्वेदी ने उद्घाटन किया था।
इस केन्द्र के संचालन के दौरान होली धोरा, दुलियां बास सहित ठरड़ा, बोबासर, लाडनूं तहसील के कसुम्बी सहित एक दर्जन से अधिक गांवों के हजारों लोग स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। महिला एवं शिशु कल्याण केन्द्र होने के कारण महिलाओं की चिकित्सा की यहां पर समुचित व्यवस्था थी। लेकिन वर्ष 2004 में तत्कालीन सरकार ने इसे बंद कर दिया। जिसके कारण हजारों लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित होना पड़ रहा है। कस्बे के जागरूक नागरिक नरसाराम फलवाडिय़ा, सत्यनारायण खाखोलिया व बसन्त बोरड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर बताया कि भामाशाह बजरंगलाल फतेहपुरिया द्वारा लाखों रूपये खर्च कर सरकार को जन हितार्थ भवन निर्माण कर मातृ शिश कल्याण केन्द्र के लिए समर्पित किया था।
जिससे आस-पास के लोगों को इसका लाभ मिल सके। संचालन के दौरान केन्द्र महिलाओं एवं बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा था तथा लोग इसकी बखुबी सेवायें ले रहे थे। लेकिन तत्कालीन सरकार ने अनार्थिक मानकर इसे बंद दिया। पत्र में मुख्यमंत्री से मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र को फिर से शुरू करने की मांग की गई है।