सुफी संत हजरत बदरूद्दीन शाह के तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन मुस्लिम समाज की 153 प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। समाजसेवी मो. बिलाल ईंयारा के मुख्य आतिथ्य व शेखावाटी केबल नेटवर्क के निदेशक आरीफ खां दिलावर खानी की अध्यक्षता में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह के प्रमुख वक्ता सैयद जहूर अली अशरफी तथा निसार अहमद खान अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक चूरू, सैयद मो. अयूब शहर काजी लाडनूं विशिष्ट अतिथि थे। हाजी शम्सूद्दीन स्नेही ने अशिक्षा को मुसलमानों के पिछड़ेपन का कारण बताया।
सैयद जहूर अली अशरफी ने हजर बदरूद्दीन शाह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हे राष्ट्रीय एकता का सन्देश वाहक बताया। शहर काजी लाडनूं ने शिक्षा का महत्व बताया। निसार अहमद खान ने मां को बच्चों की पहली शिक्षक बताया। आरीफ खां ने बच्चों की हौंसला अफजाई के लिए इस प्रकार के आयोजन करने पर जोर दिया। समारोह में 153 प्रतिभाओं को प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। जौहर की नमाज के बाद मौहल्ला तेलियान से पीरे तरीकत जहूर अली की कयादत में सैंकड़ों लोगों का जुलूस रवाना होकर कस्बे के प्रमुख मार्गों से होते हुए तकिया बदरूद्दीन शाह पंहूचा। जहां अकीदतमंदों ने चादर व गुलपोशी की तथा सिरनी चढ़ाई।
उलेमाओं ने महफिले-अकीदत सजाई, जिसमें औवलिया -ए-किराम को खिराजे अकीदत पेश किया गया। मुसलमान स्त्री-पुरूषों ने मुल्क में अम्नो-अमान की तरक्की व एकता की दुआ की। उर्स के संयोजक हाजी शम्सूद्दीन स्नेही ने आभार व्यक्त किया। खुशबूदार पानी का छिड़काव करने के बाद सिरनी तकसीम कर उर्स के समापन ऐलान किया गया। इस अवसर पर काजी अलताफ, सैयद मसउदुजमा, मौलाना सलाम मिस्बाही, मौलना जावेद, हाफिज आबिद, मो. अकरम सहित अनेक मुस्लिम विद्वान एवं अकीदतमंद उपस्थित थे।