
श्री देवसागर सिंघी जैन मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित चार्तुमास कार्यक्रम के तहत मन्दिर मार्गी संत दिव्यानन्द विजय निराले बाबा ने गाजे-बाजे के साथ सुजानगढ नगर में मंगल प्रवेश किया। बड़ी संख्या में स्वागत का आतुर भक्तों को आर्शीवाद देते हुए ओजस्वी प्रखर वक्ता संत दिव्यानन्द जी महाराज के मंगल प्रवेश पर निकली शोभायात्रा में सबसे आगे धर्म ध्वजा चल रही थी तो उसके पीछे शोभायात्रा के आर्कषण के केन्द्र सजे-धजे ऊंट, घोड़े तथा पंजाब का बैंड थे। वही भीषण गर्मी में भी महिलायें सिर पर मंगल कलश धारण किये हुए चल रही थी। वेंकटेश्वर मन्दिर से शुरू हुई शोभायात्रा कस्बे के प्रमुख बाजारों एवं मार्गों से होते हुए चार्तुमास प्रवास स्थल देवसागर सिंघी जैन मन्दिर पंहूची। मंदिर परिसर में संत श्री द्वारा प्रस्तुत मंगलचरण के साथ आरम्भ हुए कार्यक्रम में मंदिर ट्रस्टी विजय राज सिंघी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में सर्वेश दिव्य समिति भटिंडा, मालेर कोटला गीदड़बाहा, काला बाली सिरसा, संगरियां मण्डी, राम मण्डी, बीकानेर तथा बरनाला पंजाब के गुरू भक्तों ने भगवान महावीर दरबार, शांती गुम दरबार, सरस्वती दरबार, नमस्कार महामंत्र दरबार, पाश्र्वनाथ दरबार, बजरंग बली दरबार तथा जिन कुशल दरबार का गुरूभक्तों ने उद्घाटन किया। निराले बाबा दिव्यानंद विजय ने उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानव – मानव सब एक समान है, इंसान की पूजा ही भगवान की पुजा है। उन्होने क्रांतिकारी संत आचार्य भिक्षु को अन्तर्मन से याद करते हुए कहा कि आचार्य भिक्षु ने जैन समाज को दृढता प्रदान की है।
क्रान्तिकारी संत ने कहा कि सुजानगढ में किसी मंदिर मार्गी संत का पहली बार चातुर्मास हो रहा है तथा मैं यहां इतिहास बदलने आया हूं। निराले बाबा ने चातुर्मास के दैनिक कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि सुबह रोजाना आठ बजे भक्तामर स्त्रोत का पाठ होगा तथा रात नौ बजे व्याख्यान का कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। उन्होने बताया कि उनके सहवर्ती संत दिव्य भारत विजय महाराज भी उनके साथ सुजानगढ के श्रीदेव सागर सिंघी जैन मंदिर में मौन वृत धारण रखते हुए विराजमान रहेंगे। आयोजित कार्यक्रम में पालिकाध्यक्ष डॉ. विजयराज शर्मा ने कहा कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
संजय सिंघी ने डा.शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। अग्रवाल समाज के प्रमुख कृष्ण सिंघल ने भी अपनी अभिव्यक्ति देते हुए बाबा के चरणों में अभिवंदना की। इस अवसर श्रीमति कमला सिंघी, विजयराज सिंघी, जसवंत सिंघी, संजय सिंघी, दीपचंद, हेमन्त, प्रकाश , चेतन ंिसंघी, प्रतीक सिंघी, अशोक सिंघी, गौतम सिंघी सहित अनेक लोग उपस्थित थे। स्थानीय तेरापंथ समाज के कार्यकर्ताओं ने भी अपनी अनूठी छाप इस प्रोग्राम को सेवा देकर दी।