भारतीय रेल का निजीकरण रोकने की मांग को लेकर सर्वसमाज द्वारा रेल मंत्री के नाम स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया है कि भारतीय रेल का क्रमिक शत प्रतिशत निजीकरण आम भारतीयों के मौलिक अधिकारों को पूंजीपतियों के निर्मम हाथों में सौंपने का जनविरोधी व संविधान विरोधी निर्णय है।
ज्ञापन में रेल कर्मचारियों के पचास प्रतिशत पद समाप्त करने, नई भर्तियों पर रोक लगाने सहित रेलवे कॉलोनियों को खाली करवा कर पूंजीपतियों को देने जैसे अलोकतांत्रिक मंसूबो से देश के अजा, अजजा तथा अपिव को संविधान प्रदत 85 प्रतिशत आरक्षण से वंचित कर दिया जावेगा। ज्ञापन सौंपने गये प्रतिनिधि मण्डल में सर्व समाज श्रमिक संघ के संस्थापक सदस्य विनय प्रजापत, सर्व समाज संघ के संयोजक एड. तिलोकचंद मेघवाल, सुरेन्द्र भार्गव, अनिल मोदी, अजमल खां, भागीरथ, आसिफ राईन आदि शामिल थे।