
भारत माता चौक में बकाया राशि जमा नहीं करवाने पर पेयजल कनेक्शन काटने गई जलदाय विभाग की टीम को मौहल्लेवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार कनिष्ठ अभियंता सुनीता बंशीवाल, फीडर महेन्द्र कुमार, रामचंद्र, श्रवण कुमार तंवर, श्रमिक रज्जाक ने सहायक अभियंता कार्यालय के निर्देश पर पेयजल के बकाया बिलों वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने के लिए भारत माता चौक स्थित हीरू खां पुत्र फत्तु खां के नाम से कनेक्शन धारक उपभोक्ता के घर पर पहुंचे तो वहां पर महिलाओं व मौहल्लेवासियों ने विरोध करते हुए कनिष्ठ अभियंता सुनीता बंशीवाल को मौके पर बिठा लिया व पेयजल से संबधित समस्या को लेकर जमकर खरी-खोटी सुनाते हुए उनके साथ दुव्र्यवहार किया।
जिसके बाद टीम को बैंरग ही वापस जलदाय विभाग लौटना पड़ा। कनिष्ठ अभियंता सुनीता बंशीवाल ने बताया कि कनेक्शन काटने के लिए गड्डा खोद रहे कर्मचारी रज्जाक पर भी लाठी से हमला करने का प्रयास किया गया। इस प्रकरण में युवा मोर्चा अध्यक्ष नरेन्द्र गुर्जर ने कनेक्शन काटने आई टीम पर बदले की भावना से कार्य करने का आरोप लगाया। युवा मोर्चा अध्यक्ष गुर्जर ने बताया कि उन्होनें कुछ दिनों पहले सहायक अभियन्ता कैलाश माली को पेयजल किल्लत की समस्या को दूर करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था। जिसके बाद से विभागीय अधिकारी उनके मौहल्ले में द्वेषतापूर्वक तरीके से पेयजल कनेक्शन काटने की कार्रवाई कर रहे है। शेर सिंह भाटी ने बताया कि जिस घर में वो रह रहे है, उस घर का कनेक्शन हीरू खां पुत्र फत्तु खां के नाम से है। जिसका नाम बदलवाने के लिए भी वे जलदाय विभाग में चक्कर काट रहे है।
जिसके जलदाय विभाग ने आठ हजार से अधिक रूपये बकाया निकाले थे। टीम पहले जब कनेक्शन काटने आई थी तब उन्होने पांच हजार रूपये जलदाय विभाग में जमा करवा दिये थे। भाजपा द्वारा मंगलवार को जलदाय विभाग के सामने प्रदर्शन करने के बाद विभाग ने द्वेषता पूर्ण तरीके से कार्रवाई करते हुए पुन: बुधवार को तीन हजार रूपये बकाया लेने आये व नही देने पर कनेक्शन काटने लगे। जिस पर मौहल्ले के लोगों ने कनेक्शन काटने नही दिया। वहीं कनिष्ठ अभियंता सुनीता बंशीवाल ने कार्रवाई के दौरान जलदाय विभाग के कर्मचारियों के साथ दुव्र्यवहार करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
विभाग के सहायक अभियन्ता कैलाश माली ने बताया कि तीन हजार रूपये से अधिक की बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं को नोटिस जारी किये गये हैं। इन्हे भी पहले दस दिन, फिर सात दिन, फिर 3 दिन और उसके बाद चौबीस घंटे का नोटिस जारी किया गया था। 24 घंटे बीतने के बाद 24 घंटे और इंतजार करने के बाद में टीम कार्यवाही करने गई। टीम को काम नहीं करने दिया गया, जिस पर सम्बन्धितों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी तथा पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया जायेगा।