लॉक डाउन 4.0 के प्रथम दिन रचनाकार डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा हाइटेन एकेडमी भारत के फेसबुक पेज पर लाइव आये और उन्होनें एक घंटे से भी ज्यादा अपनी काव्य रचनाओं का पाठ किया। इसके साथ ही उन्होने कोरोना काल में इस लॉक डाउन के अनुभवों को भी साझा करते हुए कहा कि इस नकारात्मक समय का भी लोगों ने सकारात्मकता के साथ सदुपयोग किया है। लोगों को लॉक डाउन में अपने घरों में रहना पड़ा मगर वहां भी अपनी रचनात्मकता के साथ लोगों ने इस वायरस के विरूद्ध जंग जारी रखी। डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने कहा कि पूरी दुनिया के सामने भारत ने इस समय एक मिशाल कायम की है। कोरोना एक वैश्विक संकट बनकर सामने आया और पूरी दुनिया की गति और गतिविधियों को इसने रौक दिया। लेकिन अब पुन: धीरे धीरे जीवन की गति और लय बन रही है।
उन्होनें इस लाइव कार्यक्रम में अपनी राजस्थानी और हिंदी दोनों भाषाओं की कविताएं, लघुकथाएं, हाइकु आदि प्रस्तुत किये, जिन्हे खूब सराहना मिली। उन्होनें हाइटेन एकेडमी भारत के एडमिन मख्दूम बिसाऊवीं और आयोजन के सूत्रधार डॉ. सुरेंद्र डी. सोनी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ऐसी गतिविधि सराहनीय है। डिजिटल तकनीक से ऐसे रचनात्मक कार्यक्रम प्रसारित होने से घर बैठे लोगों में भी उत्साह का संचार होता है। इस आयोजन में डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने सुजानगढ़ के महाकवि कन्हैया लाल सेठिया की जन्म शताब्दी वर्ष पर उनका पुण्य स्मरण करते हुए उनके सामाजिक व साहित्यिक योगदान को रेखांकित किया। इस लाइव कार्यक्रम को देश विदेश में घर बैठे लोगों ने बड़े चाव से देखा और इस नवाचार सराहना की।