
कांग्रेस के दो पार्षदों ने सभापति सिकन्दर अली खिलजी को इस्तीफे सौंपे हैं, जिससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की टिकट पर निर्वाचित होकर आये पार्षदों ने अल्पसंख्यक वार्डों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सभापति को अपने इस्तीफे सौंपकर शहर की राजनीति में एक हलचल पैदा कर दी। वार्ड नं. 8 से पार्षद जहरा बानो की ओर प्रतिनिधि मा. दाऊद काजी व वार्ड नं. 10 से पार्षद रमजान राव ने सभापति को सौंपे अपने इस्तीफे में नगरपरिषद आयुक्त, सभापति व उपसभापति पर अल्पसंख्यक वार्डों की अनदेखी करने व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल द्वारा नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।
इस्तीफे सौंपे जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए पार्षद जहरा बानो के प्रतिनिधि मा. दाऊद काजी ने बताया कि पहले सभापति जी कहते थे कि भाजपा का राज होने के कारण काम नहीं हो रहे हैें, लेकिन अब डेढ़ साल से कांग्रेस विधायक हैं, जो कि राजस्थान सरकार में मंत्री भी इसके बावजूद हमारे वार्ड में एक ईंट भी नहीं लगी है। काजी ने चेतावनी दी कि समय रहते नहीं सम्भले तो अल्पसंख्यक कांग्रेस से उसी प्रकार छिटक जायेंगे, जैसे पतझड़ में पेड़ों से पते झड़ जाते हैं तथा आगामी नगरपरिषद चुनावों में कांग्रेस के वार्ड पार्षदों को हराने का काम करेंगे। काजी ने मंत्री पर समय नहीं देने व बात नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सभापति नाम मात्र का है और नगरपरिषद दो आदमियों के हवाले हैं, उन दो आदमियों ने नगरपरिषद को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। वहीं पार्षद रमजान राव ने कोरोना महामारी के दौरान वार्ड के जरूरतमंद लोगों तक राशन सामग्री नहीं पंहूचने तथा किसी प्रकार कोई सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाया है।
वहीं सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने सभी आरोपों को बेबूनियाद बताते हुए कहा कि उन्होने कोई भेदभाव नहीं किया है तथा सभी 45 वार्डों में अधिक से अधिक काम किया है। गरीबों को राशन के आरोप के जवाब में सभापति ने कहा कि सरकार की ओर से कोई बजट नहीं आया है तथा भामाशाहों से जो पैसे या राशन किट आ रहे हैं, उनसे ही प्राथमिकता के आधार पर राशन वितरित किया जा रहा है। सभापति ने कहा कि इस्तीफे को लेकर पहले कोई चर्चा नहीं की तथा अभी बात करने की कोशिश की तो उन्होने बात नहीं की।