
गणाचार्य 108 विरागसागर जी महाराज की शिष्या गणिनी आर्यिका 105 विभाश्री माता जी ने गुरूवार को ससंघ सुजानगढ़ में मंगल प्रवेश किया। नागौर से पैदल विहार कर लाडनूं होते हुए माता जी सुजानगढ़ पंहूची। सुजानगढ़ आगमन पर जैन समाज के लोगों ने उनकी अगवानी की तथा स्वागत किया। उसके पश्चात जुलूस रवाना हुआ। लाडनूं पुलिया पर जुलूस के पंहूचने पर मुस्लिम समुदाय के मो. इदरीश गौरी, नूर मोहम्मद पहाडिय़ान, मोहम्मद सलीम गौरी, युसूफ पंवार, राष्ट्रीय लोक दल के इलियास खान सहित मुस्लिम समाज के अनेक लोगों ने पुष्प वर्षा कर विभाश्री माता जी का स्वागत किया।
हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल रहे सुजानगढ ने गंगा-जमुनी तहजीब को साकार किया है। बैंड बाजे के साथ निकले अभिनंदन जुलूस का मुस्लिम समाज ने इस्तकबाल कर सद्भावना की मिसाल पेश की। उसके पश्चात माता जी जुलूस आगे बढ़ा और जैन नर्सिंया होते हुए नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए श्री दिगम्बर जैन मन्दिर पंहूचा। महोत्सव के संयोजक सुरेन्द्र बगड़ा ने बताया कि महोत्सव के तीसरे दिन सर्वप्रथम जिनेन्द्र भगवान की नित्य पूजा पाठ की गई व महाशांति धारा घीसुलाल विजय कुमार श्रीचन्द बगड़ा परिवार द्वारा की गई। विधानाचार्य स्वतंत्र जैन के निर्देशन में आयोजित विधान की पूजा भक्ति भाव पूर्वक की जा रही है। सायंकालीन महाआरती घीसुलाल विजयकुमार श्रीचन्द बगड़ा परिवार द्वारा बग्गी में सवार होकर रजत दीपको से की गई।
इसके बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। आर्यिका 105 विभाश्री माताजी ने अपने आर्शीवचन में इस आयोजन हेतु अपना आशीष प्रदान किया। इसअवसर पर जैन समाज अध्यक्ष विमल पाटनी, मंत्री पारस मल बगड़ा, डॉ. सरोज कुमार छाबड़ा, राहुल छाबड़ा, सुनील बगड़ा, सुरेन्द्र बगड़ा, निहालचन्द बगड़ा, नवीन बगड़ा, सुशील पहाडिय़ा, पारस सेठी, मुकेश बगड़ा, पार्षद उषा बगड़ा, मैना देवी पाटनी, प्रेमलता बगड़ा, मंजू देवी बाकलीवाल, विमलादेवी छाबड़ा सहित काफी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित थे।