
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामपाल जाट ने धोखाधड़ी के एक रोचक मामले में आरोपी संजय सरावगी का अग्रिम जमानत आवेदन खारिज किया है। अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि राहुल देव माली की ओर से मुकदमा दर्ज करवाकर पुलिस को बताया गया था कि संजय सरावगी पुत्र गोपीकृष्ण सरावगी निवासी वार्ड 21, बालिका महाविद्यालय के पास चूरू ने मुझे 17 मई 19 का कहा कि मेरी मां बीमार है और मैं कर्जे में डूबा हुआ हूं। इसलिए आप मेरी रेलवे स्टेशन चूरू के सामने स्थित जमीन खरीद लिजिये।
जिस पर 6 करोड़ 51 लाख में सौदा तय हुआ और बयाना के 5 लाख रूपये राहुलदेव ने संजय को दे दिये। उसके बाद 20 मई 19 को फिर से 16 लाख संजय को दे दिये और 18 जुलाई 19 को पावर ऑफ अटर्नी इस आशय की परिवादी को दी कि तुम इसमें व्यापारिक दुकानों के प्लॉट काटकर अपनी बुकिंग चालू करो। इसी प्रकार 10 अगस्त 19 को एक जिस्टर्ड पावर ऑफ अटर्नी भी संजय सरावगी ने प्रार्थी को दी। जिसके आधार पर अपने ग्राहकों से राहुल ने कुल 50 लाख रूपये एकत्रित किये, जिनमें से 35 लाख नकद संजय सरावगी को दे दिये और बाकी 15 लाख संजय के ही बकायेदार मंगलपुरा के योगेश को संजय के कहने पर दे दिये। परिवादी ने आरोप लगाया कि इसके बाद संजय सरावगी ने अपने भाईयों रविन्द्र, पवन, कमल से सांठगांठ कर मुझे उक्त भूखंड के संयुक्त हिस्सेदारी के होने सम्बंधी नोटिस भिजवाये।
इस प्रकार कुल 71 लाख रूपये आरोपी संजय सरावगी पर ठग लेने के आरोप लगे। अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि इस मामले में एडीजे न्यायाधीश रामपाल जाट ने आरोपी संजय सरावगी की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। इससे पहले भी आरोपी 4 बार ईकरारनामों से इस जमीन को बेच चुका था। वहीं इस मामले में संजय ने हाईहोर्ट में 482 सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र लगाया था, जिसको हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।