
हिन्दी फिल्म पानीपत में भरतपुर के महाराज सूरजमल के चरित्र चित्रण के साथ की गई छेड़छाड़ के विरोध में सर्वसमाज एवं जाट समाज द्वारा प्रदर्शन किया गया। गणेश मन्दिर चौराहे पर फिल्म के निर्देशक आशुतोष गोवरिकर का पूतला फूंका गया तथा गोवरिकर के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गई। गणेश मन्दिर चौराहे पर फिल्म के निर्देशक का पूतला फूंकने के बाद लोग एक रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए उपखण्ड कार्यालय पंहूचे। जहां पर उन्होने उपखण्ड अधिकारी रतनकुमार स्वामी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के दौरान भी लोगों ने नारेबाजी की। मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गये ज्ञापन में बताया गया है कि फिल्म के निर्देशक ने फिल्म में महाराजा सूरजमल के चरित्र को ऐतिहासिक तथ्यों के विरूद्ध विकृत किया है तथा फिल्म में अनेक तथ्यों को गलत दर्शाया गया है, जिससे समाज की भावनाओं को ठेस पंहूची है। फिल्म को प्रतिबंधित करने की मांग के साथ समाज में आक्रोश होने और शांति भंग होने की चेतावनी भी दी गई है।
समाज के लोगों ने उपखण्ड अधिकारी से मौखिक रूप से सुजानगढ़ के सिनेमा हॉल में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देने की मांग की है। समिति अध्यक्ष छोटूराम खीचड़ के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने गये प्रतिनिधि मण्डल में भीमसिंह आर्य, हरिसिंह जानू, गणेशाराम जाखड़, भंवरलाल कासणिया , पीथाराम गुलेरिया , लालचंद बिजारणियां , दीपक भास्कर, पीथाराम ज्याणी, भोमाराम बिजारणियां, मुन्नालाल बिजारणियां, रामलाल निठारवाल, रामनारायण रूलाणियां, जयपाल गुलेरिया, नोरंगलाल बुगालिया, बनवारीलाल कुलहरी, पवन गोदारा, हितेश जाखड़, मदन लाल गुलेरिया, एडवोकेट विमल गोदारा, किशन शर्मा, नरेंद्र गुर्जर, विक्रम बुरडक़ लोढ़सर, विश्वजीत कस्वा, लिछमण गोदारा, मदनलाल भारी तेजपाल गोदारा , प्रवीण ढाका, नरेश बिजारणियां , एड्वोकेट विजेंद्र सिंह राठौड़, बनवारीलाल बिजारणियां, एडवोकेट बजरंग रूहेला, एडवोकेट महेंद्र गुलेरिया, हरीश गुलेरिया, आनंद मांडिया, कानाराम जाट, हंसराज दादरवाल, अंशुमान म्हैण, अखाराम जानू, ओमप्रकाश गुलेरिया, हरि बेनीवाल, माणकचन्द बटेसर , राजकुमार बेड़ा , रमेश गुलेरिया , विश्वजीत कस्वां, एडवोकेट जगवीर गोदारा , लक्ष्मण राम गोदारा सहित अनेक लोग शामिल थे।