बदलते परिवेश के अनुरूप शिक्षक भी अपनी भुमिका में बदलाव करे – राहुल कस्वां

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन का सांसद राहूल कस्वां, पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल, सभापति सिकन्दर अली खिलजी सहित अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए सांसद राहूल कस्वां ने कहा कि शिक्षा से ही देश व समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। हमारी कमजोरियों को ताकत में बदलने का काम शिक्षा करती है। कस्वां ने कहा कि वर्तमान में लगातार बदलते परिवेश के अनुरूप शिक्षकों को भी अपनी भुमिका में बदलाव करना होगा।

इन्टरनेट और सोशल मीडिया के द्वारा आ रहे बदलावों को भांपते हुए शिक्षकों को शिक्षा देने के साथ ही विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकरों और अपनी संस्कृति के साथ जोडऩे के प्रयास करने चाहिए। कस्वां ने कहा कि चूरू जिला प्रदेश का ऐसा पहला जिला है, जिसके सभी सरकारी विद्यालयों में बिजली होने के साथ ही उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब है। सांसद ने शिक्षा और खेल को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि उनका प्रयास है कि प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक खेल मैदान हो। सांसद कस्वां ने शिक्षकों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सिंगल यूज प्लास्टिक मूहिम की जानकारी देते हुए प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने का आह्वान किया। कस्वां ने कहा कि स्कूल में शिक्षक विद्यार्थियों को अगर प्लास्टिक से प्रकृति को होने वाले नुकसान के बारें में बतायेंगे तो निश्चित रूप से भारत प्लास्टिक मुक्त देश बन जायेगा।

सांसद ने अपने उद्बोधन में अधिक से अधिक पौद्यारोपण करने, स्वच्छ भारत के तहत स्वच्छता का संदेश देने, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने आदि का शिक्षकों से आह्वान किया। पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल, सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। संघ के जिला मंत्री सुरेश पंवार ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सम्भागीय संगठन मंत्री श्यामसुन्दर स्वामी ने विद्यालयों में बच्चों को पिलाये जाने वाले दूध का भुगतान शिक्षकों द्वारा अपनी जेबों से करने का मुद्दा उठाते हुए सरकार से शीघ्रातिशीघ्र भुगतान करने की मांग की। कार्यक्रम में नोपाराम मण्डा, दाऊलाल त्रिवेदी, नवीन सोनी, महावीर राव, एड. घनश्यामनाथ कच्छावा भी मंचासीन थे। रामेश्वरलाल खीचड़ ने अतिथियों का परिचय दिया।

अनिल धनखड़, जगदीश जोशी, देवीसिंह राठौड़, रणजीत भींचर, धर्मसिंह मीणा, रामवतार शर्मा, नीता डूडी, वंदना चौधरी, आशाराम घिंटाला, कमल जाखड़, मदनलाल गुर्जर, लक्ष्मण खत्री, रतनसिंह शेखावत, विद्याद्यर मेघवाल, मनोज सारस्वत, सूर्यप्रकाश शर्मा, महावीर प्रसाद स्वामी, हरिराम गोदारा, माया चौधरी, जीवणदान देवल सहित अनेक शिक्षकों ने माला, साफा एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। पूनमचन्द सारस्वत एवं रंजन अत्रि ने संचालन किया।

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