नवरात्रा स्थापना के साथ ही शहर के विभिन्न मन्दिरों सहित नगर के अनेक स्थानों पर माता रानी की मूर्तियों की विधिवत स्थापना कर पूजा शुरू हो गई। शहर के सूर्य भगवान मन्दिर, भौजलाई बास, हनुमान धोरा, वाल्मिकी बस्ती सहित अनेक स्थानों पर माता रानी की मूर्तियों की स्थापना की गई है। सूर्य भगवान मन्दिर में दुर्गा पूजा समिति के तत्वाधान में दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया। वेंकटेश्वर मन्दिर से सूर्य भगवान मन्दिर तक कलश यात्रा निकाली गई।
जिसमें यजमान अशोक कुमार पारीक सपत्निक आगे चल रहे थे तथा पीछे महिलाऐं सिर पर कलश धारण किये हुए हरिनाम संकीर्तन करते हुए चल रही थी। इसके बाद मां की प्रतिमा की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स्थापना की गई। कलश यात्रा में अशोक पारीक, कृष्णा पारीक, मूलचंद सांखला, इन्द्रचंद खडोलिया, चम्पालाल सहित अनेक महिला एवं पुरूष शामिल थे। इसी प्रकार भौजलाई बास में गोपीनाथ मन्दिर से सांड चौक पांडाल तक महिलाओं व युवतियों ने कलश लेकर शोभायात्रा निकाली। गोपीनाथ मन्दिर के महंत पण्डित लालचंद कौशिक व अभिनन्दन कौशिक ने यजमान गजेंद्र बोहरा को मंत्रोच्चरण व विधि विधान से पूजा अर्चना करवाई।
इसी प्रकार दुलियां बास स्थित सिद्धश्री संकट मोचन हनुमान मन्दिर में नवरात्रा स्थापना के साथ ही अखण्ड हरिनाम संकीर्तन शुरू हुआ है, जो दशहरा तक अनवरत जारी रहेगा। मन्दिर में प्रतिदिन शाम को घरों से सजाकर लाई गई सतरंगी थालियों से भगवान की आरती की जायेगी। इसी प्रकार निकटवर्ती गांव स्यानण स्थित मां काली के मन्दिर में नवरात्रा के प्रथम दिन की हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां के धोक लगाकर आशीर्वाद लिया।