पद्मश्री व राजस्थान रतन कन्हैयालाल सेठिया की जन्मशताब्दी पर आज से दो दिनों तक होगी साहित्यिक चर्चा

राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य कवि, पद्मश्री व राजस्थान रतन कन्हैयालाल सेठिया की जन्म शताब्दी पर साहित्य अकादमी नई दिल्ली व मरूदेश संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आज बुधवार से दो दिवसीय साहित्यिक समारोह का आयोजन किया जा रहा है। संस्थान के डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा ने बताया कि धरती धोरां री जैसे अमर गीत के रचनाकार स्व. सेठिया की हवेली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष डॉ. अर्जुनदेव चारण मुख्य अतिथी होंगे, जबकि दूरदर्शन के पूर्व निदेशक नन्द भारद्वाज अध्यक्षता करेंगे। इस सत्र में अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव स्वागत भाषण देंगे और अकादमी की राजस्थानी भाषा परामर्श मण्डल के संयोजक मधु आचार्य आशावादी बीज वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे।

इस सत्र के स्वागताध्यक्ष महाकवि कन्हैयालाल सेठिया के सुपुत्र जयप्रकाश सेठिया होंगे। इसी दिन दोपहर में प्रारम्भ होने वाले प्रथम सत्र की अध्यक्षता रायसिंहनगर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मंगत बादल करेंगे। बीकानेर की डॉ. उषा किरण सोनी सेठिया के व्यक्त्तिव एवं कृतित्व पर, नोहर के डॉ. हाकम अली नागरा सेठिया का आधुनिक राजस्थानी को अवदान, व श्रीडूंगरगढ़ के डॉ. चेतन स्वामी सेठिया का काव्य दर्शन विषयक आलेख पाठ करेंगे। इसी दिन दोपहर बाद प्रारम्भ होने वाले दूसरे सत्र की अध्यक्षता कोटा के रचनाकार डॉ. अम्बिका दत करेंगे। जिसमें राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के डॉ. जगदीश गिरि सेठिया के राजस्थानी काव्य का रचना विधान, परलिका हनुमानगढ़ के विनोद स्वामी सेठिया के राजस्थानी काव्य का सांस्कृतिक व सामाजिक पक्ष और बीकानेर के डा. मदन सैनी सेठिया के राजस्थानी काव्य का कला पक्ष विषय पर आलेख पाठ प्रस्तुत करेंगे।

समारोह के प्रथम दिन बीकानेर की डॉ. संजू श्रीमाली की पुस्तक कविवर कन्हैयालाल सेठिया का राजस्थानी काव्य दर्शन, सुजानगढ़ की पूर्व प्राचार्या पुष्पलता शर्मा की पुस्तक अक्षर आकाश व लाडनूं के विरेन्द्र भाटी मंगल की पुस्तक भारत में महिला एवं मानव अधिकार का विमोचन भी होगा। कार्यक्रम के संयोजक किशोर सैन ने बताया कि कन्हैयालाल सेठिया के साहित्यिक व सामाजिक योगदान को सम्मान प्रदत करने के उद्देश्य से आयोजित इस समारोह के दूसरे दिन तृतीय सत्र में जोधपुर के डॉ. राजेन्द्र बारहठ सेठिया के राजस्थानी काव्यगत विशेषतांए, बीकानेर के विनोद सारस्वत सेठिया के राजस्थानी काव्य की भाव भूमि व डॉ. संजू श्रीमाली सेठिया के राजस्थानी काव्य के प्रतीक विधान पर आलेख पाठ करेंगे।

इसी दिन चौथे सत्र की अध्यक्षता उदयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार कुंदन माली करेंगे। इस सत्र में उदयपुर के शिवदानसिंह जौलावास सेठिया के काव्य में जीवन दृष्टि, बीकानेर के डॉ. गौरीशंकर प्रजापत सेठिया के राजस्थानी काव्य में रूपगत विकास और सुजानगढ़ के डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा सेठिया के राजस्थानी साहित्य में प्रकृति और परिवेश पर आलेख पाठ करेंगे। इसके पश्चात समापन सत्र की अध्यक्षता साहित्य अकादमी के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य आशावादी करेंगे व समापन वक्तव्य लोहिया कॉलेज चूरू के पूर्व प्राचार्य भंवरसिंह सामौर देंगे। कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए संस्था के सचिव कमलनयन तोषनीवाल, निदेशक सदस्य सुमनेश शर्मा, रतन सैन, पूनमचन्द सारस्वत, पीथाराम ज्याणी, दिनेश स्वामी जुटे हुए हैं।

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