तेहनदेसर के गुमानाराम हत्याकाण्ड में गुरूवार को आनन्दपालसिंह के भाई रूपेन्द्रपालसिंह को एडीजे न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण में परिवादी आशाराम की गवाही होनी थी, लेकिन आशाराम न्यायालय नहीं आया और शेष आरोपियों को भी न्यायालय नहीं लाया गया था। आरोपी रूपेन्द्रपालसिंह को उदयपुर केन्द्रीय कारागार से नियमित पेशी पर लाया गया था। इस दौरान न्यायालय परिसर में भारी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात रहा। आरोपी रूपेन्द्रपालसिंह गनोड़ा हत्याकाण्ड में भी वांछित आरोपी था, जो प्रकरण में फरार चल रहा था।
जिस पर एडीजे रामपाल ने आरोपी को गनोड़ा हत्याकाण्ड में न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिये। गनोड़ा प्रकरण में आनन्दपालसिंह के भाई मंजीतसिंह, रामसिंह, मोंटीसिंह, कैलाशदान उर्फ के.डी. चारण, महावीरसिंह, छोटूसिंह, प्रतापसिंह पाण्डूराई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जिसके खिलाफ आरोपियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील कर रखी है। एडीजे ने प्रकरण में रूपेन्द्रपालसिंह के विचारण के लिए उच्च न्यायालय से फाईल वापस भेजने का निवेदन किया है। गनोड़ा प्रकरण में आनन्दपालसिंह व बलबीर बानूड़ा की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी, जबकि प्रतापसिंह पाण्डूराई की सजा सुनाने के बाद जेल में मृत्यु हो गई थी। आरोपी की ओर से न्यायालय में पैरवी एड. रमेश कुमार गुलेरिया ने की।