आवारा पशुओं द्वारा आये दिन आम जन पर हमला कर घायल करने की घटनाओं से आक्रोशित लोगों के गुस्से को भांपते हुए नगरपरिषद प्रशासन ने मंगलवार सुबह आवारा पशुओं की धरपकड़ करनी शुरू कर दी। नगरपरिषद के सहायक सफाई निरीक्षक मुन्नालाल मीणा के नेतृत्व में 6 जमादारों और 18 कर्मचारियों ने शहर के सब्जी मण्डी सहित मुख्य बाजारों से 37 गाय और साण्डों को पकड़ कर नाथो तालाब स्थित श्री गोपाल गौशाला में छोड़ा। सहायक सफाई निरीक्षक मुन्नालाल मीणा ने बताया कि बार-बार बात करने के बाद भी मंगलवार सुबह जब आवारा गायों और साण्डों को लेकर गौशाला आये तो गौशाला के पदाधिकारियों ने पहले तो आवारा पशुओं को लेने से ही इंकार कर दिया। लेकिन बाद में उन्होने उन्हे ले लिया। मीणा ने बताया कि 23 गायों और 14 साण्डों को पकड़ कर गोपाल गौशाला में दिया है। गौशाला के उपाध्यक्ष प्रदीप तोदी ने बताया कि गौशाला गायों को लेने के लिए तैयार है, लेकिन गायों की चराई का भुगतान समय-समय पर होना चाहिए। समय-समय पर भुगतान होने पर ही गायों की चराई सुचारू की जा सकती है।
क्योंकि गौशाला के पास पहले से ही सात सौ गायें है और गौ पुत्र सेना द्वारा भी 90 लावारिस गायें भी यहां पर छोड़ी हुई है। गौशाला के पास इतना बजट नहीं है कि वह सभी गायों को चारा खिला सके। इसलिए प्रशासन से आग्रह है कि वह समय-समय पर गायों के चारे के लिए भुगतान करे। तोदी ने बताया कि सरकार द्वारा गायों के लिए 20 रूपये प्रतिदिन प्रति गाय अनुदान दिया जाता है, जो नाकाफी है, जबकि एक गाय पर प्रतिदिन चराई खर्चा ही डेढ़ -दो सौ रूपये के करीब आ रहा है। सरकार अनुदान राशि बढ़ाये तो गौशालाओं के संचालन में आसानी रहेगी। तोदी ने बताया कि नगरपरिषद प्रतिवर्ष पशु फाटक चलाती है, उस पशु फाटक में लगने वाला खर्चा गौशाला को दे दिया जाये। गायों की चराई के अलावा उनकी देखभाल के लिए उनके ऊपर आदमी रखने पड़ते हैं, जिनका वेतन भी गौशाला को ही देना पड़ता है। तोदी ने गायों को प्रवेश नहीं देने के आरोंपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि गौशाला ने पहले भी दो साल तक पशु फाटक चलाई है। तोदी ने गायों के टैग लगाने की मांग करते हुए बताया कि टैग लगने के बाद इन आवारा और लावारिस गायों के लिए भी सरकार से अनुदान मिलना शुरू हो सकेगा। इस अवसर पर गौशाला के मंत्री महावीर बगडिय़ा, कोषाध्यक्ष पवन दादलिका, सुभाष बगडिय़ा, एड. हेमन्त शर्मा, व्यवस्थापक निर्मल शर्मा उपस्थित थे। सफाई निरीक्षक मुन्नालाल मीणा के नेतृत्व में पुखराज जमादार, मुन्नालाल जमादार, नथमल जमादार, अनिल जमादार, नोरतन जमादार के अलावा 18 सफाई कर्मचारियों ने आवारा गायों और साण्डों को पकडऩे के लिए मेहनत की।