आवारा सांड बने मुसीबत

शहर में आवारा पशु खास कर सांड शहरवासियों के लिए मुसीबत साबित हो रहे है। नगरपरिषद की उदासीनता एवं सभापति व आयुक्त की शहर के लोगों के प्रति बेरूखी के कारण आये दिन सांड के हमलों से लोग चोटिल हो रहे है। शहर के पुराने बस स्टैण्ड, घण्टाघर, गांधी चौक, सब्जी मण्डी सहित शहर के प्रमुख बाजारों व गलियों में हर वक्त सांडो के खड़े रहने के कारण भयभीत लोग बाजार आने से पूर्व कतराते है। व्यापारी सौरभ ने बताया कि आवारा सांडो का इतना आंतक है कि ग्राहक दुकान पर खड़े होने से भी डरते है। वहीं सांडो की लडाई में कई वाहन चालकों को नुकसान भुगतान पड़ा है। ताजा ही बात करें तो गुरूवार शाम को शहर के राजकीय बगडिय़ा अस्पताल के पास सांडो ने अचानक वार्ड 4 निवासी भंवरलाल 65 पुत्र मानाराम वार्ड 4 नलिया बास पर अचानक हमला कर दिया जिससे वह घायल हो गये। इससे पूर्व भी सांडो के हमले से दो-तीन जने अपनी जान गंवा चुके है।

नगरपरिषद सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने बताया कि आवारा सांडों व सूअरो को पकडऩे के लिए अप्रेल माह में टेंडर जारी किया गया था लेकिन एक भी निविदा नही आने के कारण ठेका जारी नही हुआ। खिलजी ने बताया कि चुरू कलक्टर के आवारा पशुओं को पकडऩे के आदेशों के बाद गौशाला संचालकों से बात की गयी थी, उन्होने आवारा सांड व गायें लेने से मना कर दिया। सभापति ने बताया कि आयुक्त व मेरे द्वारा गौशाला संचालकों से गायों व सांडो को गौशाला में डालने के लिए पुन: बात करने पर उन्होने अनुदान की मांग की। गायों के अनुदान के लिए नगरपरिषद की बैठक में प्रस्ताव लेकर अनुदान राशि देने की बात पर गौशाला संचालकों ने गायों व सांडो को गौशाला में डालने पर हां भरी है। सभापति सिकन्दर अली ने बताया कि अब सोमवार से सांडो को पकडऩे के लिए गौशाला के एक्सपर्ट कर्मी व नगरपरिषद के सफाईकर्मीयों की मदद से सांडो व गायों को फाटक में डलवाने की कार्यवाही की जायेगी।

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