तहसील के स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के हितों के लिए मुस्लिम महासभा लाडनूँ के तत्वावधान में उपखण्ड अधिकारी के रीडर को ज्ञापन सोपा गया ज्ञापन में बताया गया लाडनूँ तहसील के स्वतंत्रता सेनानी व शहीदों के नाम विद्यालय, सड़क , अस्पताल अन्य सार्वजनिक स्थानों के नाम रख कर उनकी शहीदी को जिंदा रखने हेतु मुस्लिम महासभा ने मांग की महासभा के उपाध्यक्ष साकिर खान ने बताया पिछली राजस्थान सरकार ने शहीदों के घर घर जाकर शहीद की वीरांगनाओं का समान किया जिसमें स्थानीय अधिकारियों को शहीद स्मार्क चिह्न कर भेजने के आदेश दिए गए थे चुनाव आने के कारण सरकार सायेद भूल गई
लाडनूँ तहसील के दस 10 स्वतंत्रता सेनानी व आठ शहीद 1971 , 1948 की लड़ाई में शहीद हो गए थे जिनमे स्वतंत्रता सेनानी किशनाराम, लाडनूँ ,लाधु सिंह भिंडासरी,रावताराम गेनाना , हरिसिंह रताऊ, हिमताराम बिरड़ा कसूम्बी, झुनताराम खीचड़ जसवंतगढ़ ,लालसिंह लोढ़सर,जगनाथाराम घिंटाला कसूम्बी , इसी तरह 1948 चीन व भारत ओर 1971 भारत व पाकिस्तान की लड़ाई में शहीद होने वाले नजीर खा जावा बास ,
अजीम खा पड़ियांन जावा बास, सवाई खा मोयल बड़ा बास, दौलत खा मोयल बड़ा बास , अल्ल्लाहदीन खां सलेमखानी शहरियाबास,बागे खा मुदरफखानी जसवंतगढ़,अब्दुल मजीद खा धोलिया, इन शहीदों ने देश के लिए अपने प्राण ताक दिए जिनको सरकार भूल गई इसी क्रम में शहीदों के नाम किसी सार्वजनिक जगह का नाम रखने के लिए
चौधरी चरण सिंह विचार मंच लाडनूं
अखिल राज्य कर्मचारी संघ लाडनूं
भारत विकास परिषद लाडनूं
मदनलाल भवरी देवी आर्य मेमोरियल लाडनूं
अणुव्रत समिति लाडनूं
जाट महासभा लाडनूं
मुस्लिम महासभा लाडनूं
साहित्य संगम लाडनूं
गणगौर मेला समिति लाडनूं
यूथ कांग्रेस कमेटी लाडनूं
शहीत अनेक सघटनो ने मांग की ज्ञापन देने वालो में आलोक घिंटाला , इरफान कायमखानी,महावीर खीचड़, पन्नालाल जी भामू, मोनिस खान, सिकन्दर मलवान, अरशद गोराण , साजिद खान, आसिफ खान, नदीम तगाला, अमीर लेड़ी, आदि मौजूद रहे