भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारिणी का गठन हुए जुम्मा-जुम्मा चार दिन हुए हैं कि नव मनोनीत पदाधिकारियों के इस्तीफे देने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अर्जुन चावला व प्रहलाद भार्गव ने मंत्री पद से तथा कुलदीप शर्मा व दीपेन्द्रसिंह ने उपाध्यक्ष पद से यह कहते हुए इस्तीफे दे दिये कि उन्हे पदाधिकारी बनाते समय युवा मोर्चा अध्यक्ष नरेन्द्र गुर्जर ने उनसे अनुमति नहीं ली। चारों ने ही अपने त्याग पत्र में लिखा है कि वे पार्टी में कार्य करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए उन्हे पद मुक्त किया जावे। चारों के ही इस्तीफे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पदों को लेकर सोशल मीडिया पर बड़ी रार छिड़ी हुई है। कोई बना रहा है तो कोई इस्तीफे दिलवा रहा है। इस रार में बजरंग दल, विहिप, गौ पुत्र सेना के कार्यकर्ता भी शामिल है। सोशल मीडिया पर चल रही बयान बाजी से तो ऐसा लग रहा है कि यह तो अभी शुरूआत है, बात दूर तक जायेगी।
यह रार छात्रसंघ चुनाव में प्रत्याशियों को उतारने को लेकर अभाविप में चली थी। एबीवीपी संगठन के दो धड़ों ने अपने-अपने अलग-अलग अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी और उसके बाद सोशल मीडिया पर जम कर बयानबाजी हुई तथा रार हुई। इसके बाद भी अध्यक्ष पद पर कृष्णा पारीक एवं नरेन्द्र गुर्जर दोनो ने अपने आपको को एबीवीपी का प्रत्याशी बताते हुए नामांकन जमा करवाया है। वहीं भाजपा में भी पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष ने मण्डल अध्यक्ष पर सोशल मीडिया के माध्यम से काफी आरोप लगाये, जिनका मण्डल अध्यक्ष ने जवाब भी दिया। ऐसा लगता है कि भाजपा और उसके दूसरे संगठनों में सोशल मीडिया के माध्यम से बात करने का एक नया ट्रैंड शुरू हुआ है, जो कितनी दूर तक जायेगा इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। मुख्य संगठन भाजपा के पदाधिकारियों एवं पूर्व मंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर छिड़ी हुई इस रार को निपटाने के कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर छाई इस रार ने शहर में अनेक प्रकार की चर्चाओं को जन्म दिया है। यह रार कहां जाकर रूकती है, इस पर सभी की नजरें है।