
सुजानगढ़ में भाजपा चल रही अन्र्तकलह समय-समय पर बाहर आती रही है। इस अन्र्तकलह को रोकने के लिए ना तो स्थानीय स्तर पर और ना ही जिला या प्रदेश स्तर पर किसी प्रकार के कोई प्रयास नहीं किये गये। जिसका खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में चुकाना पड़ा। विगत दो दिनों से सोशल मीडिया पर पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष एवं वर्तमान भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष विजय चौहान द्वारा की गई पोस्ट चर्चा में है। अपनी फेसबुक पोस्ट में चौहान ने भाजपा के मण्डल अध्यक्ष बुद्धिप्रकाश सोनी पर अनेक गम्भीर आरोप लगाये हैं। चौहान ने अपनी पोस्ट में सोनी पर पार्टी में चापलुसों की फौज तैयार करने, राज पिपासा शांत करने के लिए वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने, सभापति बनने की महत्वकांक्षा में संगठन को गालियां देने वालों को जिम्मेदारियां देने तथा भाई-भतीजावाद के आरोप लगाये हैं। चौहान ने पोस्ट में नगरपरिषद में नेता प्रतिपक्ष सोनी पर संगठन हित और शहर हित में कोई मांग नहीं उठाने और धरना प्रदर्शन नहीं करने के आरोप भी लगाये हैं।
सोशल मीडिया में अपने ऊपर लगाये गये आरोपों के जवाब में मण्डल अध्यक्ष बुद्धिप्रकाश सोनी ने विजय चौहान को नादान बताते हुए कहा कि उसे समस्या थी तो मुझे बताना चाहिए था। विधानसभा चुनाव में वह टिकट का दावेदार था, मुझसे सहयोग चाहा था, लेकिन मेरी सोच है कि जीतने वाले उम्मीदवार का सहयोग करें। सोनी ने बताया कि भाजयुमो अध्यक्ष के लिए चौहान ने एक नाम सुझाया था, जिसके लिए मैने उसे मना करते हुए कहा कि मैने नरेन्द्र गुर्जर का नाम आगे भेज दिया है। सोनी ने कहा कि सभापति बनने का मंतव्य अभी तक उन्होने जाहिर नहीं किया है और रही बात भाई भतीजावाद की तो मैने अपने भाई भतीजे को तो क्या अपने किसी रिश्तेदार को भी कोई पद नहीं दिया है। मेरी सोच है कि काम करने वाला कार्यकर्ता आगे आना चाहिए। राजनीति में लम्बे समय तक चलने के लिए इस प्रकार की छोटी-छोटी बातों को देख कर कमेन्ट करना अच्छा नहीं है। इस बारे में मैने जिला संगठन को सूचित कर दिया है, अब वे क्या कार्यवाही करते हैं, वे जाने।