
विगत दो दिनों से हो रही बरसात ने नगरपरिषद के पानी निकासी के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है। शहर के मुख्य बाजार गांधी चौक में भी शुक्रवार सुबह सात बजे बरसात रूकने के करीब नौ घंटे बाद भी पानी की निकासी नहीं हो सकी। जिसके कारण दुकानों में पानी घुस गया और हजारों रूपये के सामान का नुकसान हो गया तथा बरसाती पानी की निकासी नहीं होने के कारण ग्राहकों की दुकानों तक पंहूच नहीं हो पाने के कारण कारोबार भी ठप्प हो गया।
वहीं सुबह बरसात होने के बाद अनेक व्यापारियों ने अपनी दुकानें ही नहीं खोली। जबकि इस बारे करीब पचास लाख रूपये लगा कर गैनाणी की तथा लाखों रूपये खर्च कर बड़े नालों की सफाई करवाने के बाद भी पानी की निकासी का नहीं होना परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। जब नालों की सफाई हो चूकी है तो फिर पानी की निकासी होने में देरी क्यों हो रही है तथा गैनाणी की खुदाई करवाई जा चूकी है तो फिर उसकी भराव क्षमता क्यों नहीं बढ़ी है? क्या भराव क्षमता नहीं होने के कारण नालों से पानी निकासी धीरे -धीरे हो रही है? जब नौ -दस घंटे बीत जाने के बाद भी पानी की निकासी ही नहीं हो रही है तो फिर ये लाखों रूपये खर्च करने का क्या लाभ? व्यापारी मुरलीधर सिंधी ने बताया कि हर वर्ष इसी प्रकार पानी भरता है और हमें हजारों रूपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। नगरपरिषद को हर साल अनेक बार अवगत करवाने के बाद भी हमारी समस्या जस की तस है। इसका परिषद द्वारा कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।
गांधी चौक में पानी भरा होने के कारण ग्राहक नहीं आते हैं, जिसका कारोबार पर सीधा असर पड़ रहा है। सफाई निरीक्षक मुन्नालाल मीणा ने बताया कि जनरेटर लगवाकर गैनाणी के पानी की निकासी की जा रही है। सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने बताया कि सुबह से ही जनरेटर चल रहे हैं। बिजली विभाग की डिपी खराब हो गई। जिसके कारण पानी निकासी के लिए लगाये गये जनरेटर सेट बंद हो गये। शिकायत करने के दो घंटे बाद भी विभाग ने बिजली सप्लाई सुचारू नहीं की है।