
स्वतंत्रता आन्दोलन के अग्रदूत विजयसिंह पथिक की पुण्य तिथि पथिक सेना संगठन द्वारा पथिक सेना कार्यालय में मनाई गई। इस अवसर पर उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल ने कहा कि बिजौलिया आन्दोलन के प्रणेता विजयसिंह पथिक ने किसान आन्दोलन के माध्यम से देश को आजादी की पहली किरण दी। पथिक ने सामन्तशाही ताकतों एवं अंगे्रजों से लड़ते हुए 1920 में स्वतंत्र पंचायत की स्थापना कर किसानों पर लाग-बाग-बेगार के नाम से 84 करों को समाप्त करवा कर पहले आजादी दी। पोसवाल ने बताया कि महान स्वतंत्रता सेनानी विजयसिंह पथिक की चार पीढिय़ों ने राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। पोसवाल ने केन्द्र सरकार से पथिक को भारत रत्न देने के साथ ही उनके नाम से देश में एक वृहद योजना चलाने की मांग की है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहन सुप्रभा ने देश की आजादी व आजादी के बाद की परिस्थितियों और वर्तमान जीवन की दिनचर्या पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर समाजसेवी माणकचन्द सर्राफ, विक्रमसिंह चोबदार, रतन सैन, सुरेन्द्र भार्गव, विजयपाल श्योराण, बाबूलाल गुर्जर, धनराज घोड़ेला, गजानन्द गुर्जर, विनय प्रजापत, पथिक सेना के जिला अध्यक्ष शेरसिंह धाभाई, ब्लॉक अध्यक्ष एड. मनीष गोठडिय़ा, पार्षद श्रीराम भामा, गिरधारीलाल गुर्जर, मोहनलाल प्रजापत, सुशील शर्मा, बालकृष्ण शर्मा, गोपाल गुर्जर, बजरंगलाल सराधना, प्रताप गुर्जर, किशोर डोई, जगदीशप्रसाद गुर्जर, गणपत सोनी, देवाराम माली, सुशील शर्मा, बाबूलाल चौहान सहित सर्वसमाज के अनेक लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में पथिक जी की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। जिला अध्यक्ष शेरसिंह धाभाई ने आभार व्यक्त किया। संचालन एड. मनीष गोठडिय़ा ने किया।