सोशल मीडिया के चलते परिजनों से मिली बिछड़ी हुई महिला

सोशल मीडिया के दुरूपयोग को लेकर बहस चलती ही रहती है। लेकिन कभी-कभी इसके सदुपयोग से मिलने वाली खुशी को शब्दों में बयां करना मुश्किल हो जाता है। वाकया यह है कि विगत तीन-चार दिनों से एक महिला सुजानगढ़ में घूम रही थी, जो मानसिक रूप से कमजोर भी लग रही थी। जिस पर हारे का सहारा टीम के सदस्य श्यामसुन्दर स्वर्णकार, अरविन्द विश्वेन्द्रा, मुकेश गोदारा, दामोदर लोढ़सर ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से सोशल मीडिया पर महिला की फोटो व उसके द्वारा बताई गई जानकारी अपलोड की गई। जिस पर उसके परिजन शनिवार को सुजानगढ़ आये और महिला को अपने साथ ले गये। ज्ञात रहे कि 23 मई की रात को यह महिला पहले घंटाघर के पास और फिर नया बाजार में रात्री करीब एक बजे के आस-पास मिली। जिस पर हारे के सहारे टीम के सदस्य अरविन्द विश्वेन्द्रा ने महिला को थाने पंहूचाया।

पुछताछ में महिला ने अपना नाम रामुड़ी तथा पति का नाम श्रीराम बेरवाल तथा पता कच्ची तलाई, पंचवीर मन्दिर, डीडवाना बता रही थी। महिला ने यह भी बताया कि इसका पति खाली बोतल आदि बीनने का काम करता है। तो कभी इसने अपने आपको पीड़वा गांव के पास पक्की तलाई डीडवाना के पास की रहने वाली बताया। किसी अन्य ने इसे सुजानगढ़ की भोजलाई रोड़ तो किसी ने कसाई मोहल्ला की बताया। पूरी तरह से सही एड्रेस पता नहीं चलने पर हारे का सहारा टीम के सदस्य श्याम सुन्दर स्वर्णकार ने इस महिला की फोटो एवं जानकारी फेसबुक एवं व्हॉटसअप के ग्रुप में लगाई। जिस पर इसके परिजन 24 मई की रात को सुजानगढ़ थाने आकर इसे अपने साथ ले गये। सनद रहे कि हारे का सहारा टीम ने पिछले दिनों कईं बच्चों को भी अपने माता-पिता से मिलवाया है। इसके अलावा भी जरूरतमंद को रक्त और अनजान घायलों और दुर्घटनाग्रस्त मृत्यु हो जाने पर भी उनके परिजनों का पता सोशल मीडिया के माध्यम से हारे का सहारा टीम द्वारा लगाया जाता है।

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