सुजानगढ निवासी सांवरमल जी जाट की भाई की पत्नी सावित्री को डिलीवरी में b- की जरूरत पड़ने पर कहि खून नही मिला जिससे आवेश राव की फेसबुक पोस्ट देख कर असरफ खान पुत्र जमाल खा निवासी जावा बास लाडनूं ने अपना रोजा 1 बजे खोल कर ही खून देकर बता दिया कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही होता है ।
ऐसे सभी लोगो को अल्लाह हिदायत दे। और इनके रिज्क ओर तंदरुस्ती में बरकत दे।
अपनेे लिये सभी जीते हैं ,जो दुसरों के लिये जिय वो ही इन्सान कहलाते हैं। अशरफ खां मोयल ने जब जब किसी को खून की जरूरत पड़ी है तब तब जरूरत मंद को अपना अमूल्य खून फ्री में दिया है। धन्य है इनके माता पिता जिन्होंने ऐसे संस्कार दिय।