
बाल संरक्षण आयोग के सदस्य एसपी सिंह ने कहा है कि बच्चों के संरक्षण के कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सरकार द्वारा आवंटित बजट का बच्चों को पूरा लाभ मिलना चाहिए। सिंह आज स्थानीय उपखंड कार्यालय में ब्लॉक लेवल अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। सिंह ने बैठक के दौरान बीईईओ रामनिवास घोटिया से आरटीई के तहत स्कूलों में हुए बच्चों के एडमिशन की संख्या जाननी चाही तो घोटिया जवाब नहीं दे पाये और कहा कि आप कहें तो सूचना अभी जनरेट करवाकर मंगवा सकता हूं।
इस पर सिंह ने कहा कि बैठकें चाय नाश्ते के लिए नहीं होती। इसी प्रकार ब्लॉक सीमएचओ की अनुपस्थिति से भी सिंह नाराज दिखे और उपखंड अधिकारी को निर्देश दिये कि जो अधिकारी अपने प्रतिनिधि भेजते हैं, उनको स्वयं उपस्थित होने के लिए पाबंद किया जायेगा। महिला एवं बाल विकास विभाग से आए राजूराम मीणा से सिंह ने कुपोषित बच्चों की जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि केवल तीन बच्चे इस ब्लॉक में कुपोषित हैं। जिस पर मीणा ने कहा कि केवल तीन बच्चे कुपोषित हैं, ऐसा कभी नहीं हो सकता। जिस पर सिंह ने विभाग के डीडी से बात की और कहा कि आप बैठक में ऐसे लोगों को क्यों भेजते हो जो समुचित जवाब न दे पाये, जिस पर डीडी ने फोन पर ही क्षमा याचना कर डाली।
जिस पर सिंह ने कहा कि अगर इस क्षेत्र में केवल तीन बच्चे कुपोषण का शिकार हैं तो मैं एक लाख रूपये ईनाम देने के लिए तैयार हूं, इसलिए कागजों में नहीं, धरातल पर काम कीजिये। एएसपी योंगेंद्र फौजदार ने उपयोगी सुझाव रखते हुए कहा कि शिक्षा विभाग को ऐसी सूची तैयार करवानी चाहिए जिससे पढऩे वाली बालिकाओं को उनके माता पिता बीच में पढ़ाई ना छुटा सके। जिस पर सिंह ने बीईईओ को ड्रॉप आऊट होकर टीसी नहीं लेने वाले बच्चों की सूची तैयार करने के लिए कहा। विकास अधिकारी को ग्राम पंचायत स्तर तक बाल कल्याण समिति के गठन के लिए कहा गया।
उपखंड अधिकारी अभिलाषा चौधरी ने कहा कि अधिकारी संवेदनशील होकर बच्चों के संरक्षण के लिए कार्य करें, ऐसी व्यवस्थाएं की जायेंगी। बैठक में सभापति सिकंदर अली खिलजी, प्रधान गणेश ढ़ाका, वैद्य भंवरलाल शर्मा, आयुक्त भोमाराम सैनी, नवरतन पुरोहित, विजय चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे। इससे पहले बाल संरक्षण आयोग के सदस्य एसपी सिंह ने स्थानीय पुलिस थाने का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। थानाधिकारी रघुवीर शर्मा ने सिंह की अगुवाई की। निरीक्षण के बाद सिंह ने थाने के बाल कल्याण अधिकारी को बदले जाने के लिए भी कहा।