
चैक अनादरण के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट अजीतसिंह राठौड़ ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने के आदेश दिये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मो. रफीक पुत्र मो. रमजान छींपा निवासी सुजानगढ़ ने आरोपी आनन्द शर्मा के खिलाफ विदेश भेजने के नाम पर साढ़े तीन लाख रूपये एवं पासपोर्ट ले लिये तथा दिल्ली व जयपुर के बार-बार चक्कर काटने के बाद भी विदेश नहीं भेजने का आरोप लगाया है। परिवाद में बताया गया कि रूपये वापस मांगने पर आरोपी ने दो चैक दिये थे, जो बैंक से अनादरित हो गये। न्यायालय ने दोनो पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी आनन्द शर्मा को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया। आनन्द शर्मा की ओर से एड. विनोद सोनी व एड. बुद्धिप्रकाश प्रजापत ने पैरवी की।