अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग

अपहरण कर दुष्कर्म करने के दोषियों की मांग को लेकर पीडि़ता ने पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन प्रेषित किया है। ज्ञापन में पीडि़ता ने बताया है कि पुरखाराम पशु कम्पाउण्डर उसकी ससुराल में बीमार पशुओं को देखने के लिए तीन-चार बार आया। एक दिन पुरखाराम ने लोन दिलाने के नाम पर पीडि़ता से उसका परिचय पत्र व आधार कार्ड ले लिया। शिकायत में बताया गया है कि 21 मार्च 17 की रात्री को पीडि़ता अपने बड़े ससुर के घर से अपने घर जा रही थी, तभी पुरखाराम और दो आदमी मुंह पर कपड़ा डालकर मोटरसाइकिल पर जबरन बैठाकर पीडि़ता कोनिम्बी जोधा ले गये और वहां से गाड़ी में बैठा लिया। गाड़ी में तीनों ने रोळा करने पर जान से मारने की धमकी दी। शिकायत में बताया गया है कि जेतिया बास की रोही में तीनों ने पीडि़ता के साथ बलात्कार किया।

दो दिन ढ़ाणी में रखने के बाद मनोहर नाम के व्यक्ति ने धमकी दी कि जैसा हम कहे वैसा करो, नहीं तो जान से मार कर कहीं फेंक देंगे। इसके बाद जोधपुर कचहरी में पीडि़ता के नाम से स्टाम्प खरीदकर स्टाम्प व खाली कागजों पर पीडि़ता के हस्ताक्षर करवाये। उसके बाद आरोपियों ने उसे ज्यूस पिलाया, जिससे वह बेहोश हो गई, होश आया तो झबरड़ा थाने के एक गांव में एक मकान में बंद थी। मकान में गणपतराम ने उसके साथ बलात्कार किया। शिकायत में पुखराज पर भी पीडि़ता ने बलात्कार करने का आरोप लगाया है। शिकायत में पीडि़ता ने बताया है कि छुपकर पड़ौसन के मोबाइल से फोन करने पर चाचा व मामा लाडनूं पुलिस लेकर 26 मार्च की दोपहर को आये और पीडि़ता व गणपतराम को लेकर लाडनूं अपने साथ ले आये। पीडि़ता का आरोप है कि जांच अधिकारी डीडवाना पुलिस उपाधीक्षक नरसीराम मीणा ने आरोपियों से मिलीभगत कर रखी है और उसे राजीनामा करने के लिए धमका रहे हैं और कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करूंगा। शिकायत में बताया गया है कि डीएसपी मीणा के रीडर इकबाल खां ने भी बुलाकर धमकाया और कहा कि राजीनामा कर लो, अब इस प्रकरण में किसी और आरोपी की गिरफ्तारी नहीं करेंगे और ना ही किसी के खिलाफ कार्यवाही करेंगे। शिकायत में बताया गया है कि तीनों आरोपी पुरखाराम, मनोहर व पुखराज खुल्लेआम घुम रहे हैं और धमकी दे रहे हैं कि राजीनामा लिखकर दे दो, नहीं तो फिर उठाकर ले जायंगे।

आरोपियों का यह भी कहना है कि उन्होने जांच अधिकारी डीएसपी नरसीराम मीणा को पांच लाख रूपये देकर राजी कर लिया है, वह ना तो हमें गिरफ्तार करेगा और ना ही हमारे विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही करेगा। शिकायत में जांच अधिकारी द्वारा बयान सही प्रकार दर्ज नहीं करने तथा मनोहर की पत्नी मीरा द्वारा भी राजीनामा नहीं करने पर पुन: उठाकर ले जाने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है। शिकायत में बताया गया है कि नागौर जिला पुलिस अधीक्षक व पुलिस महानिरीक्षक, अजमेर के समक्ष पेश होकर निष्पक्ष जांच अधिकारी से जांच करवाने व न्याय दिलाने की प्रार्थना करने के बाद भी ना तो जांच अधिकारी बदला गया है और ना ही आरोपियों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही हुई है और ना ही शेष तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here