
कस्बे में एक ऐसा शख्स है जिसके परिवार के तीन बच्चे अद्र्धविक्षिप्त है व शारीरिक रूप से कमजोर हैं। घर के मुखिया के लिए सबसे बड़ी परेशानी उनके लालन-पालन की है। होने को तो ये परिवार बीपीएल है, लेकिन बीपीएल के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा इन बच्चों की ना तो कोई पेंशन दी जा रही है और ना ही किसी सरकारी सुविद्या का लाभ मिल रहा है। ये कहना है भारत हॉस्पीटल के पास स्थित दिनेश शर्मा का कहना है, जो पेशे से ड्राइवर है। दिनेश ने बताया कि 22 वर्षिय टिल्लू जो सबसे बड़ा है, दूसरा पांच वर्षिय गणेश व 11 वर्षिय मीता है।
टिल्लू बचपन से ही मंदबुद्धिहै, जिसे अपनी किसी प्रकार की सुध-बुध नहीं है। टिल्लू, गणेश व मीता की दिनचर्या के सारे काम परिजनों को ही करवाने पड़ते हैं। दिनेश ने बताया कि तीनों बच्चों का जयपुर सहित अनेक स्थानों पर इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दिनेश ने बताया कि मेरी बुढ़ी मां है, जो एक आंख से नहीं देख सकती, फिर भी इन बच्चों की निगरानी रखती है।