
अमृतनाथ आश्रम के महंत नरहरिनाथ जी महाराज के सानिध्य में भावनदेसर स्थित सिद्धयोगी होशियारनाथजी महाराज के आश्रम शिव मन्दिर में चल रही राम कथा में उपस्थित जनों को कथा श्रवण करवाते हुए व्यास पीठ पर विराजमान हंसजी महाराज भरपालसर ने श्रीराम व जानकी विवाह प्रसंग का बहुत ही सुन्दर वर्णन किया। इस अवसर पर अमृतानाथ जी आश्रम के संत विकासनाथ जी महाराज ने कहा कि हर जन्म के साथ हमारी माता बदल जाती है, लेकिन गौमाता हर जन्म में रहती है। इसलिए गायों के संवद्र्धन के लिए प्रतिदिन एक रूपया गौ माता के भरण-पोषण के लिए निकाले। जिससे हमारी गौ माता सुरक्षित रहेगी, गौमाता सुरक्षित रहेगी तो हमारी संस्कृति व हमारा धर्म सुरक्षित रहेगा।
पूर्णानाथ जी आश्रम के संत स्मृतिनाथ जी महाराज, पूसाराम गोदारा, अभिनेष महर्षि, यजमान उदाराम धेतरवाल ने सपत्निक रामकथा की पूजा-अर्चना की। कांग्रेस नेता पूसाराम गोदारा ने सम्बोधित करतेहुए कहा कि भगवान राम का जीवन आज भ अनुकरणी है। जीवन में आने वाली परेशानियों एवं समस्याओं को दूर करने एवं भूले भटके को राह दिखाने में रामकथा सदियों से मार्गदर्शक रही है। अभिनेष महर्षि ने जाति-पांति से ऊपर उठकर जनकल्याणकारी कार्य करने एवं गौ संवद्र्धन करने की अपील की। इस अवसर पर मुरारी फतेहपुरिया, गोपाल सोनी, बजरंग फतेहपुरिया, सुमित अरोड़ा, मुकेश मूण्ड, केसराराम, रेवन्ताराम, लिच्छुराम, शंकरलाल, चन्द्राराम, भूरामल फौजी, जगदीश, किशनलाल, विनोद सहित अनेक महिला एवं पुरूष उपस्थित थे।