गोपालपुरा में पहुंची सुजला जिला बनाओ सत्याग्रह यात्रा

सुजला जिला बनाओ जन सत्याग्रह यात्रा आज गोपालपुरा गांव पहुंची। जहां शिवमठ पर अनेक गांवो के लोगों की सत्याग्रह बैठक आयोजित हुई। कार्यक्रम में श्रीराम शर्मा, गणपतदास स्वामी, खुमाराम पूनिया, विजयपाल श्योराण, एडवोकेट तिलोक मेघवाल आदि ने लोगों को संबोधित करते हुए सुजला को जिला बनाने के लिए अधिकाधिक लोगों से इस अभियान से जुडऩे की अपील की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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  1. सुजानगढ़/सुजला जिला बनाने के लिए आन्दोलन अपने पूरे चरम पर है। सुजला जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले गांव-गांव, ढ़ाणी-ढ़ाणी जन चेतना यात्रा निकाली जा रही है। समिति द्वारा बीते सालों में आन्दोलन को धार देते हुए पोस्टकार्ड अभियान, विभिन्न स्तर पर ज्ञापन देने, हस्ताक्षर अभियान, आम सभा सहित अनेक प्रयासों के माध्यम से सरकार तक सुजला जिला की क्षेत्र की जनता की आवाज को बुलन्द किया है। समिति के अतिरिक्त क्षेत्र की विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा जिला बनाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिये गये है। सुजानगढ़ नगरपरिषद, लाडनूं नगरपालिका, बीदासर व छापर नगरपालिका तथा सुजानगढ़ व लाडनूं पंचायत समिति द्वारा इस सम्बन्ध में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित कर राज्य सरकार को भेजा गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार आगामी बजट में प्रदेश में नये जिलों के गठन एवं पुर्नगठन की घोषणा करने की सम्भावना के बाद क्षेत्र की जनता की उम्मीदें अपने परवान पर है।

    मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा आगामी 8 मार्च को पेश किये जाने वाले बजट में नये एवं पुर्नगठित जिलों की घोषणा करने की सम्भावना को देखते हुए सुजला क्षेत्र का आमजन इस आन्दोलन से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गठित समिति के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा गठित समिति के समक्ष सुजानगढ़ या सुजला के जिला बनने के लिए सरकार द्वारा तय मापदण्डों के अनुसार समिति द्वारा बिन्दूवार पूरी रिपोर्ट भेजी गई है। अपने खोये हुए वैभव को पाने के लिए सुजला क्षेत्र की जनता आगामी आठ मार्च का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है। प्रदेश के अन्य शहरों एवं कस्बों की तरह की सुजानगढ़/सुजला की जनता सुजानगढ़, जसवंतगढ़, लाडनूं, रतनगढ़, डीडवाना, छापर, बीदासर, निम्बी, नेछवा का एकीकरण कर एक नये जिले के गठन की आशा सरकार से लगाये हुए है। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में शामिल होने वाली तहसीलों की जनसंख्या 15 लाख से अधिक है। सुजानगढ़, लाडनूं व रतनगढ़ में वर्तमान में आवश्यक जिले के लिए सभी कार्यालय मौजूद है। चूरू एवं नागौर जिले में सबसे अधिक राजस्व आय सुजला जिले में शामिल होने वाले क्षेत्र की है।

    सुजानगढ़ रियासत काल में जिला था तथा यहां पर जिले क ी आधारभूत सभी प्रशासनिक व्यवस्थायें मौजूद थी। 2011 की जनगणना के अनुसार सुजानगढ़ भारत का 487 वां एवं राजस्थान का 25 वां बड़ा शहर है, जो जिला बनने के बाद भारत का 201 वां एवं राजस्थान का 13 वां बड़ा शहर होगा। सुजला, बीदासर एवं रतनगढ़ की राजस्व आय लगभग 15 से 17 करोड़ रूपये प्रतिमाह है। जिला कलेक्टर चूरू ने भी अपनी रिपोर्ट में सुजला को उपयोगी एवं महत्वपूर्ण माना है। जिला बनने पर इसमें शामिल होने वाली सुजानगढ़ रतनगढ़, लाडनूं, बीदासर तहसीलों एवं निम्बी, सालासर, राजलदेसर, नेछवा आदि उपतहसीलों को सम्मिलित किये जाने पर यह राजस्थान का सबसे बड़ा जिला होगा। केन्द्र सरकार ने भी सुजानगढ़ को वरियता देते हुए अपनी महत्वकांक्षी अमृत योजना एवं स्मार्ट सिटी योजना में इसे शामिल किया है। अपने खोये हुए वैभव को पाने के लिए संघर्षरत सुजलांचल क्षेत्र की जनता आगामी बजट में सुजला/सुजानगढ़ के जिले की घोषणा को लेकर आशान्वित है।

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