15 साल बाद फिर समय बताने लगी घंटाघर की घड़ी

आरटीआई कार्यकर्ता बसन्त बोरड़ की मेहनत एवं लगन के परिणाम स्वरूप विगत 15 वर्षों से बंद पड़ी शहर के घंटाघर की घडिय़ों की सूईयां रविवार को चलने लगी और समय बताने लगी। 15 वर्षों से बंद पड़ी घंटाघर की घडिय़ों को ठीक करवाने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता बसन्त बोरड़ ने नगरपरिषद से लेकर जिला प्रशासन तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन परिणाम वही ढ़ाक के तीन पात वाला रहा। जिससे खफा होकर बोरड़ ने लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया। लोकायुक्त द्वारा परिवाद को स्वीकार कर नगरपरिषद को घड़ी को ठीक करवाने के लिए आदेश दिये। इस बारे में समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पढक़र जिले के राजगढ़ निवासी 70 वर्षिय मैकेनिक संतलाल वर्मा ने बोरड़ से सम्पर्क कर घंटाघर की घड़ी को ठीक करने में अपनी रूचि एवं विश्वास व्यक्त किया। इसके बाद सभापति सिकन्दर अली खिलजी से मुलाकात कर घंटाघर की घड़ी को ठीक करने का कहने पर सभापति ने घड़ी ठीक करने में आने वाले खर्चे को परिषद द्वारा वहन करने के लिखित आदेश जारी किये गये।

तीन माह तक विभिन्न राज्यों से घड़ी के पार्टस मंगवाकर संतलाल वर्मा ने घड़ी को ठीक कर सुजानगढ़ वासियों को नये साल का तोहफा दे दिया। 31 दिसम्बर को घड़ी ठीक कर संतलाल सुजानगढ़ ले आये और रात 12 बजे इसे लगाकर नगरवासियों को घड़ी के घंटे सुना दिये। घड़ी को ठीक करने के बाद संतलाल के चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी। घंटाघर की घड़ी को ठीक करने के लिए अपना समय देने वाले आरटीआई कार्यकर्ता बसन्त बोरड़ को नगरवासियों ने बधाई दी तथा घड़ी ठीक करने वाले मैकेनिक राजगढ़ निवासी संतलाल का माला पहनाकर अभिनन्दन किया। सभापति सिकन्दर अली खिलजी, बुद्धिप्रकाश सोनी, महावीर बगडिय़ा, सुरेश अरोड़ा, खुशीराम चान्दरा, हरिप्रसाद मोदी, पं. चौखाराम, पवन अग्रवाल, गोपाल सोनी, अरविन्द सोनी, महावीर प्रसाद मीरणका, रतन प्रजापत, रणवीरसिंह, फतेहसिंह, रघुवीरसिंह सहित अनेक कस्बेवासियों ने संतलाल वर्मा व बसन्त बोरड़ का स्वागत किया।

2 COMMENTS

  1. बसन्त बोरड़ व शभापति महोदय को घड़ी ठिक करवा कर सुजानगढ़ कि जनता को नई साल तोहफा दिया हैं. दोनों का बहुत 2 धन्यवाद.

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