जमाना बदल गया है, आधी आबादी को आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता- कमला कस्वां

मरूदेश संस्थान द्वारा सोनादेवी सेठिया कन्या महाविद्यालय के सोहन सभागार में आयोजित सन्तोष व्यास स्मृति सृजन सेवा सम्मान समारोह में उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्षा कमला कस्वां ने कहा कि विगत साठ वर्षों में जमाना बदल गया है, आधी आबादी को आगे बढऩे से अब कोई नहीं रोक सकता। कस्वां ने इतिहास की गार्गी एवं मैत्रेयी जैसी विदूषी महिलाओं को याद करते हुए कहा कि काम करने की कोई उम्र नहीं होती है और काम करने का कोई समय नहीं होता है।

मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियों को उच्चारित करते हुए कस्वां ने कि दिन में सपने देखने चाहिये, जिन्हे पाने के लिए रात-दिन एक कर दें। पूर्व प्राचार्या सन्तोष व्यास को याद करते हुए समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्षा ने कहा कि जीवन से जाना एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन कुछ लोग देह त्यागने के बाद अपने अच्छे कार्यों की बदोलत हमारे दिलों में बस जाते हैं। कस्वां ने उपस्थित छात्राओं कहा कि पढऩे वाली बेटियां ही आगे बढ़ती है। संतोष व्यास की मलेशिया प्रवासी पुत्री अंजू पुरोहित ने स्व. सन्तोष व्यास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके संस्मरण सुनाये। व्याख्याता के रूप में सोनादेवी सेठिया कन्या महाविद्यालय से अपने कैरियर को शुरू करने वाली मुख्य वक्ता संजू श्रीमाली ने कहा कि लगन लगाकर काम करने से सफलता मिलती है। पूर्व प्राचार्या सन्तोष व्यास के साथ बिताये अपने समय को याद करते हुए संजू श्रीमाली ने कहा कि इस महाविद्यालय से निकले कितने ही हीरे आज देश-विदेश में विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी चमक बिखेर रहे हैं। प्रथम संतोष व्यास सृजन सेवा सम्मान से सम्मानित होने वाली राजस्थान महिला लेखिका साहित्य संस्थान की अध्यक्ष वीणा चौहान ने भी स्व. व्यास को याद किया।

गोपालपुरा सरपंच सविता राठी ने दिवंगत प्राचार्या संतोष व्यास का जीवन परिचय दिया। कविता मुखर ने वीणा चौहान का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। नुपुर जैन ने अभिनन्दन पत्र का वाचन किया। सीमा भाटी, पूनम गुप्ता ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्षा कमला कस्वां सहित सभी अतिथियों ने ज्योति कच्छावा, यशोदा माटोलिया ने प्रथम संतोष व्यास स्मृति सृजन सेवा सम्मान प्रदान कर वीणा चौहान का अभिनन्दन किया। इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्या सुशीला चौधरी भी मंचासीन थी। अतिथियों का स्वागत ज्योति कच्छावा, माया सामरिया, सरोज पूनियां, जयश्री सेठिया, सुशीला सैन, अंजली शर्मा, कमला शर्मा, सुशीला पुरोहित, कंचन दस्साणी, सुशीला क्याल, प्रवीणा धाड़ेवाल, लीला छाजेड़, कविता नाहटा, स्नेहलता शर्मा, पुष्पलता शर्मा, चित्रा दाधीच ने किया। कार्यक्रम में मरूदेश संस्थान अध्यक्ष घनश्यामनाथ कच्छावा, एएसपी योगेन्द्र फौजदार, प्रो. भंवरसिंह सामौर, शंकर सामरिया, नरपतमल लोढ़ा, सुभाष बेदी, हाजी शम्सूद्दीन स्नेही, रामपाल यादव, पीथाराम ज्याणी, मुकेश रावतानी, शेरसिंह धाभाई, दानमल शर्मा, हरिशचन्द्र शर्मा, नवरतन पुरोहित, पूनमचन्द सारस्वत, दर्शनलाल भरतवाल, कमलनयन तोषनीवाल, रफीक राजस्थानी, रतन सैन, पीथाराम गुलेरिया, गणेश मण्डावरिया, आर.के. पुरोहित, प्राचार्य डा. सी.पी. जोशी सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे। संचालन डा. साधना प्रधान ने किया।

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