सारंगसर दुष्कर्म पीडि़ता के मामले में पुलिस मात्र 6 दिनों में ही आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर एक मिसाल कायम की है। पुलिस उपाधीक्षक हनुमानसिंह कविया ने बताया कि सांरगसर निवासी पीडि़ता के पिता ने बीदासर थाने में लिखित रिपोर्ट दी कि वह गुजरात में मजदूरी करता है, उसके बाल बच्चे गांव सारंगसर में ही रहते हैं। 24 दिसम्बर की रात्री को उसकी बड़ी लडक़ी घर में बने कमरे में पढ़ रही थी, घर के आंगन में आवाज सुनकर उसने बाहर आकर देखा तो आंगन में राकेश व कालूराम खड़े थे। जो मेरी लडक़ी का मुंह बंद कर उसे जबरदस्ती अपने साथ मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गये और गांव की पूर्वी दिशा में ले जाकर बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके साथ मारपीट कर उस पर मोटरसाइकिल चढ़ा दी।
जिससे पीडि़ता के काफी चोटें लगी। जिस पर बीदासर पुलिस ने पोक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर पत्रावली को अग्रिम जांच के लिए वृताधिकारी हनुमानसिंह कविया को सौंपी। जिन्होने जिला पुलिस अधीक्षक राहूल बारहट द्वारा सात दिवस में चालान पेश करने के किये गये वादे के अनुरूप 6 दिन में आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया। कविया ने बताया कि आरोपी राकेश पुत्र मांगीलाल भार्गव निवासी भोमपुरा पुलिस थाना साण्डवा जिला चूरू एवं कालूराम उर्फ नरेश पुत्र छीतरमल भार्गव निवासी रामसीसर पुलिस थाना रामगढ़ सेठान जिला सीकर को गिरफ्तार कर अनुसंधान पूर्ण कर एडीजे चूरू के समक्ष चालान पेश कर दिया।
सख्त सजा की मांग
सारंगसर दुष्कर्म मामले में पीडि़ता को न्याय दिलाने एवं आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग को लेकर रामकुमार मेघवाल, महेश जोशी, सुरेन्द्र भार्गव, जितेन्द्र भार्गव, अमरप्रीतसिंह, गिरधारीलाल ने जिला पुलिस अधीक्षक के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।
किसानों ने 8 सूत्री मांगो को लेकर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
सुजानगढ़ 10 जनवरी। (नि.स.) अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा 8 सूत्री मांगो को लेकर जिला कलक्टर के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार सुशील कुमार सैनी को सौंपा। तहसील अध्यक्ष मुमताज के नेतृत्च में दिए गए ज्ञापन में खराब हुई फसल का मुआवजा दिलाने, खालिया जाने वाले कटाणी मार्ग से अतिक्रमण हटाने, आपणी योजना से वंचित ढ़ाणियों को पाईप लाईन से जोडने, व्यापारियों से खल-चूरी तुलवाकर देने, छापर रेलवे स्टेशन से आबसर, भानीसरिया, राजियासर जाने वाले मार्ग की मरम्मत करवाने की मांग की है। ज्ञापन पर सुगनचन्द रूलाणिया, तेजपाल बिजारणिया, बजरंगसिंह, चैनाराम, ओमप्रकाश मेघवाल, रामनारायण रूलाणिया, सागरमल मेघवाल, केशराराम बटेसर, मदनलाल जांगिड सहित सैंकडों किसानों के हस्ताक्षर है।