हत्यारोपी को आजीवन कठोर कारावास

छ: साल पुराने नंदकिशोर जांगिड़ हत्याकांड के आरोपी मो. असलम को आज एडीजे न्यायालय ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुना दी है। प्रकरण के अनुसार 11 जनवरी 2011 को सुजानगढ़ पुलिस को हरीराम जाट निवासी दस्सूसर तहसील रतनगढ़ ने रिपोर्ट दी थी कि नंदकिशोर (50) पुत्र गोपीकिशन जांगिड़ की मो. असलम पुत्र सवाई खां कायमखानी निवासी होली धोरा सुजानगढ़ व मनीष के परिवार के साथ रंजिश थी। दिनांक 11 जनवरी को शाम करीब छ: बजे मैं और नंदकिशोर कार में बैठकर होली धोरा स्थित समाज कल्याण छात्रावास गए। तब दो अन्य व्यक्ति भी वहीं थे।

तब मो. असलम ने आकर नंदकिशोर के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसे जान से मारने की नीयत से उसकी कनपटी पर पिस्तौल से गोली मार दी और दीवार फांदकर भाग गया। नंदकिशोर जांगिड़ की ईलाज के दौरान जयपुर के एसएमएस अस्पताल में 26 जनवरी 11 को मौत हो गई। प्रकरण में पुलिस ने मो. असलम व महेंद्र नामक युवक के खिलाफ चालान पेश किया। अपर लोक अभियोजक एडवोकेट कुंभाराम आर्य ने बताया कि मामले के विचारण के दौरान कुल 26 गवाहों के बयान दर्ज करवाये गये, जिनमें से मृतक के परिवार का कोई गवाह नहीं था। एडीजे न्यायाधीश अजय कुमार भोजक ने मो. असलम को दोषसिद्ध करार देते हुए उसे हत्या करने पर आजीवन कठोर कारावास व एक लाख रूपये जुर्माने, आम्र्स एक्ट के तहत एक साल कठोर कारावास व एक हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

पहले से काट रहा है 10 साल की सजा
वहीं आरोपी मो. असलम पहले से ही जानलेवा हमले के एक मामले में 10 साल की सजा काट रहा है। न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2008 में नया बाजार चौक में सीताराम चौधरी पर जानलेवा हमले के मामले में यह सजा चल रही है।

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