बाल भारती इन्टरनेशनल स्कूल में निजी शिक्षण संस्था संघ की राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन रविवार को किया गया। पीसीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल ने उपस्थित निजी विद्यालय संचालकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने पूरी किताबों को बदल दिया है। आधुनिक भारत के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, झंासी की रानी के नाम तक को पाठ्यक्रम से हटा दिया है। राष्ट्रीय परिक्षेत्र के पाठ्यक्रम को बदलना हमारी संस्कृति के साथ अन्याय है।
विद्यालयों में बदले समय को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यालयों का समय बदलकर बच्चों और अभिभावकों के साथ अन्याय किया है। मेघवाल ने कहा कि समय में बदलाव से विद्यार्थियों की दिनचर्या गड़बड़ाई है, जिसका उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। पूर्व शिक्षा मंत्री ने निजी शिक्षण संस्था संघ द्वारा कार्यशाला में उठाई गई समस्याओं के कांग्रेस की सरकार बनने पर समाधान करने का प्रयास करने का आश्वासन दिया। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे निजी शिक्षण संस्था संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने शिक्षा मंत्री को निजी स्कूलों का जानी दुश्मन बताते हुएकहा कि वर्तमान शिक्षा मंत्री सरकारी और निजी शिक्षण संस्थाओं में पढऩे वाले बच्चों के बीच भेदभाव करते हैं। शर्मा ने शिक्षा को सरकार का दायित्व बताते हुए कहा कि कानून की नजर में शिक्षा व्यापार नहीं है। बड़े स्कूल लुटते हैं और चोर हम छोटे स्कूल संचालक कहलाते हैं।
शर्मा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में एक बच्चे की पढ़ाई का खर्चा सैंतीस हजार पांच सौ रूपये आता हैं, उसके बाद भी वहां पर सैंतीस रूपये की पढ़ाई नहीं होती है और निजी विद्यालयों में आरटीई की तहत सरकार द्वारा एक छात्र की पढ़ाई का खर्चा मात्र अड़तालिस सौ रूपये औसत दिया जा रहा है, इसके बावजूद भी हमारा परिणाम सरकारी स्कूलों से बेहतर है। शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की मांग करते हुए शर्मा ने कम खर्चे में अच्छी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरटीई के तहत 25 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने, निजी शिक्षकों के लिए स्वास्थ्य सेवा बीमा, पेंशन आदि की मांग की। शर्मा ने कहा कि साक्षरता अभियान पर सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर रही है, इसे निजी शिक्षण संस्थाओं को सौंपे तो एक साल में ही निरक्षरता के कलंक से प्रदेश को मुक्त कर देंगे। शर्मा ने भाजपा सरकार पर बदला लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि पांच हजार रूपये में नौकरी करने वाले निजी स्कूल के अध्यापक की जिम्मेदारी तय है, लेकिन साठ हजार रूपये लेने वाले सरकारी अध्यापक की जिम्मेदारी तय नहीं है। यही कारण है कि सरकारी स्कूलों में नामांकन एवं परीक्षा परिणाम लगातार गिरता जा रहा है।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय आरटीई के माध्यम से 25 प्रतिशत बच्चों को प्रवेश दिया जाता था, लेकिन भाजपा शासन में इसमें भी अड़ंगा लगाया जा रहा है। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा परिवार के प्रान्तीय महासचिव श्रवणकुमार बोहरा, कोषाध्यक्ष गोपाल यादव, संगठन मंत्री लोकेश मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर वशिष्ठ, संभाग प्रभारी अनिल दाधीच, प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीराज खेरीवाल, जिला अध्यक्ष चूरू राजवीर धायल, सभापति सिकन्दर अली खिलजी, उपसभापति बाबूलाल कुलदीप, राधेश्याम अग्रवाल, विद्याद्यर बेनीवाल, ब्लॉक अध्यक्ष दाऊद काजी, जिला प्रभारी मनोज मितल, आयोजक प्रतिनिधि लक्ष्मणराम खिलेरी, रणधीरसिंह ढ़ाका साहवा, केशराराम हुड्डा लाडनूं, जोगेन्द्र कौशिक श्रीगंगानगर, रजनीश मारवाल, दिनेश नागौर, जयचन्द सारण सरदारशहर आदि मंचासीन थे। अतिथियों का स्वागत नोपाराम मण्डा, लक्ष्मणराम खिलेरी, भागीरथमल पचार, लादूसिंह राव, शिवपालराम, अंजनीकुमार, रूपाराम, असगर राईन, विजेन्द्र डारा, अली हसन, विनोद शर्मा, श्रवण, आनन्द सैन, रामनिवास गुर्जर, महिपाल, रतन सैन ने किया। भागीरथमल पचार ने स्वागत भाषण दिया। संचालन रतन सैन ने किया।