सभापति सिकन्दर अली खिलजी की अध्यक्षता में नगरपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन, कचरा संग्रहण, अमृत योजना सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई। परिषद के कार्मिक अखिलेश पारीक ने सदन को बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2506 परिवारों का सर्वे किया गया। शौचालयों के लिए आवेदन करने वाले परिवारों में से 512 परिवारों की स्वीकृति जारी कर दी गई है तथा शेष की जल्दी की जारी कर दी जायेगी। पार्षद पवन माहेश्वरी, नेता प्रतिपक्ष बुद्धिप्रकाश सोनी, तनसुख प्रजापत सहित अनेक पार्षदों ने शौचालयों के आवेदन फार्मों के खो जाने तथा आवेदन फार्मों को सम्बन्धित जमादार को नहीं देकर किसी अन्य को देने तथा फार्मों की जांच नहीं करवाने के आरोप लगाये। बैठक में बताया गया कि शहर में तीन सामूदायिक व पांच सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण होना है। जिस पर लाडनूं बस स्टैण्ड, पुराना बस स्टैण्ड के शौचालयों का मॉडीफाई करने, गणेश मन्दिर, भौजलाई चौराहा, गांधी चौक के पास शौचालयों का निर्माण करने का प्रस्ताव पास किया गया।
अखिलेश पारीक ने कचरा संग्रहण के लिए डीडवाना में काम कर रहे किसी एनजीओ से बात करने की बात कही। जिस पर एड. श्यामनारायण राठी, तनसुख प्रजापत आदि ने सफाई कर्मचारियों को हाथ रेहड़ी उपलब्ध करवाकर कचरा संग्रहण करवाने की बात कही। पार्षद पवन माहेश्वरी ने नगरपरिषद द्वारा बैंकों में लोन की एक प्रतिशत की सब्सिडी की राशि जमा नहीं करवाने का मामला उठाते हुए कहा कि बैंकों के नोटिस दिये जाने के बावजूद परिषद द्वारा सब्सिडी नहीं जमा करवाई जा रही है। जिससे लोन लेने वाला एनपीए की श्रेणी में आ रहा है। इस पर सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने कार्मिकों को शीघ्र ही सब्सिडी की राशि बैंकों में जमा करवाने के निर्देश दिये। पार्षद महावीर मण्डा ने माधो तलाई में छोड़े जा रहे गंदे पानी को रोकने की मांग की। परिषद के लेखाधिकारी उमाराम चाहर ने महालेखापरीक्षक द्वारा ऑडिट रिपोर्ट में लगाये गये आक्षेपों की जानकारी देते हुए बताया कि महालेखा परीक्षक ने विवाह स्थलों से वसूली करने, मोबाइल टॉवरों से वसूली करने, कृषि भूमि नियमन में राज्य सरकार का हिस्सा सरकार को देने, कर्मचारियों के ग्रेच्यूटी फण्ड को दूसरी मद में खर्च करने सहित एक दर्जन से अधिक आक्षेप लगाये गये हैं।
बैठक में नगरपरिषद की आय बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, लेकिन सदस्य किसी भी एक बात पर सहमत नजर नहीं आये। पार्षद गणेश मण्डावरिया ने केन्द्रीय बस स्टैण्ड की दुकानों की निलामी करने का प्रस्ताव रखा। नेता प्रतिपक्ष बुद्धिप्रकाश सोनी ने कहा कि बिना स्वीकृति बनने वाले व्यवसायिक कॉम्पलैक्स एक दिन में तो नहीं बन जाते, इन्हे बनने में दो तीन साल लगते हैं तो फिर इनके निर्माण के दौरान ही इन पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है। कार्यवाहक आयुक्त भोलूराम सैनी की उपस्थिति में आयोजित बैठक में पार्षद इकबाल खान, महावीर मण्डा, मधु बागरेचा, श्यामलाल गोयल, श्रीराम भामा, अमित मारोठिया, महावीर जांगीड़, लालचन्द शर्मा, उषा बगड़ा, राकेश प्रजापत, एड. श्याम राठी, गणेश मण्डावरिया, पवन माहेश्वरी, प्रहलाद जाखड़, विष्णुदत त्रिवेदी, प्रदीपसिंह, हितेश जाखड़, दिलीप धवल सहित अनेक पार्षद उपस्थित थे।