अंचल के मूर्धन्य साहित्याकार और लोहिया कॉलेज चूरू के पूर्व प्राचार्य प्रो. भंवरसिंह सामौर की माताजी श्रीमती नान्ही कंवर का रविवार को 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके पैतृक गांव बोबासर में ज्येष्ठ पुत्र प्रो. भंवरसिंह सामौर ने मुखाग्नि दी। एक शताब्दी की साक्षी रही स्व. नान्ही कंवर के पति स्व. ठा. उजीणदान सामौर डिंगल भाषा के विश्वविख्यात कवि रहे हैं। नान्ही कंवर लोकगीतों का भण्डार थी।
उन्हे सैंकड़ों राजस्थानी व पारम्परिक लोकगीत कंठस्थ थे, जिनका अंतिम समय तक सस्वर पाठ करने में वे सक्षम थी। स्व. नान्ही कंवर पर लिड्डन विश्वविद्यालय नीदरलैण्ड की प्रो. जेनेट ने परम्परा की जीवन्त विरासत की प्रतीक नामक डाक्यूमेन्ट्री फिल्म बनाई थी, जो देश में चर्चित रही। अंतिम संस्कार में शिक्षाविद्, राजनेता, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता सहित अनेक प्रबुद्धजन शामिल हुए।